भारत को विदेशों से आ रहे पैसों यानी रेमिटेंस में तगड़ी कमाई हुई है. जो भारतीय लोग विदेशों में काम कर रहे हैं, उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 में देश में रिकॉर्ड पैसा भेजा है. आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि इस साल रेमिटेंस में 14 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है और ये बढ़कर 135 अरब डॉलर से ज्यादा पहुंच गई है. भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस पाने वाला देश बन गया है और इस लिस्ट में वह मेक्सिको, चीन, पाकिस्तान जैसे देशों से काफी आगे है.
क्या होता है रेमिटेंस और क्यों है यह इतना जरूरी?
जब विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिक अपने परिवार या किसी व्यक्ति को भारत में पैसा भेजते हैं, तो उसे रेमिटेंस कहा जाता है. ये पैसा मुख्य रूप से वे लोग भेजते हैं जो विदेशों में नौकरी करते हैं. रेमिटेंस भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम होता है, क्योंकि इससे देश में डॉलर जैसे विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ता है, जो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत बनाता है.
2025 में रिकॉर्ड रेमिटेंस, भारत को मिला 135 अरब डॉलर से ज्यादा पैसा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत को विदेशों से कुल 135.46 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला है. ये पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा है और अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. यह राशि भारत के कुल करंट अकाउंट इनफ्लो (1 ट्रिलियन डॉलर) का लगभग 10 फीसदी है.
जनवरी से मार्च तिमाही में भी दिखा उछाल
सिर्फ जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही की बात करें, तो इस दौरान भारत को 33.9 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह रकम 31.3 अरब डॉलर थी. इससे यह साफ है कि विदेशों में बसे भारतीय अब पहले से ज्यादा पैसा भारत भेज रहे हैं.
2024 में भी बना था रिकॉर्ड, अक्टूबर-दिसंबर में सबसे ज्यादा पैसा आया
पिछले साल यानी 2024 में भी रेमिटेंस में जबरदस्त उछाल देखा गया था. पूरे कैलेंडर ईयर में भारत को 129.4 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला था. खास बात ये रही कि अक्टूबर से दिसंबर 2024 की तिमाही में 36 अरब डॉलर का इनफ्लो हुआ, जो एक तिमाही में सबसे ज्यादा था.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस पाने वाला देश बना
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत रेमिटेंस पाने वाले देशों की लिस्ट में टॉप पर है. भारत को जहां 129 अरब डॉलर मिले, वहीं, मेक्सिको दूसरे नंबर पर रहा और उसे केवल 68 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला.चीन को 48 अरब डॉलर, फिलीपींस को 40 अरब डॉलर और पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर का पैसा विदेश से मिला.
रेमिटेंस की ग्रोथ भी दिखा रही तेजी
वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि 2024 में रेमिटेंस की ग्रोथ रेट 5.8% रही, जबकि 2023 में यह केवल 1.2% थी. इसका मतलब है कि भारतीयों द्वारा विदेश से भेजे जा रहे पैसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
विदेशों में भारतीयों की संख्या बढ़ी, खाड़ी देशों में सबसे ज्यादा
जहां 1990 में विदेशों में रहने वाले भारतीयों की संख्या 6.6 मिलियन (66 लाख) थी, वहीं अब 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 18.5 मिलियन (1.85 करोड़) हो गया है. खाड़ी देशों (जैसे UAE, सऊदी अरब, कतर) में अब भी सबसे ज्यादा भारतीय काम करते हैं. कुल प्रवासी भारतीयों में लगभग आधा हिस्सा सिर्फ खाड़ी देशों में है.
अमेरिका में नौकरी और ज्यादा रेमिटेंस का कनेक्शन
कोविड महामारी के बाद अमेरिका और OECD देशों में नौकरियों की बहाली तेज हुई है. अमेरिका में विदेशी मूल के लोगों को अब पहले से ज्यादा नौकरियां मिल रही हैं. फरवरी 2020 की तुलना में अब 11% ज्यादा भारतीय वहां काम कर रहे हैं, जिससे वहां से भेजा जाने वाला रेमिटेंस भी बढ़ा है.
रेमिटेंस पर टैक्स को लेकर बड़ा बदलाव, राहत की खबर
अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के लिए एक और राहत की खबर है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट में अब रेमिटेंस पर लगने वाला टैक्स 5% से घटाकर सिर्फ 1% कर दिया गया है. इससे भारत पैसा भेजना पहले से सस्ता और आसान हो जाएगा.
विदेश में काम कर रहे भारतीय सिर्फ अपने परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. रेमिटेंस न सिर्फ करोड़ों परिवारों के लिए सहारा बनता है, बल्कि देश की विदेशी करेंसी कमाई में भी बड़ा योगदान देता है.