राहत भरी खबर: FY26 में महंगाई पर लगेगा ब्रेक! अगले छह महीने खाने-पीने की चीजों के दाम पर रहेगा कंट्रोल: रिपोर्ट

India Inflation Forecast 2025-26: रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय रुपये की मजबूती, ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी के दामों में गिरावट, चीन से आने वाली महंगाई पर असर और पिछले साल की तुलना में थोड़ी धीमी ग्रोथ जैसे कारणों से कोर इंफ्लेशन भी कंट्रोल में रहने की उम्मीद है. इ

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Food Inflation in India: बीते तीन सालों से अनाज का उत्पादन बेहतर रहा है, जिसका असर लंबे समय तक फूड इनफ्लेशन यानी खाने-पीने की चीजों की महंगाई पर पड़ेगा.
नई दिल्ली:

महंगाई के इस दौर में एक अच्छी खबर सामने आई है.आने वाले महीनों में खाने-पीने की चीजों की महंगाई कंट्रोल में रह सकती है. एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, अनुकूल मौसम की वजह से अगले छह महीने में देश में महंगाई औसतन 2.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है. बीते तीन सालों से अनाज का उत्पादन बेहतर रहा है, जिसका असर लंबे समय तक फूड इनफ्लेशन यानी खाने-पीने की चीजों की महंगाई पर पड़ेगा.

कोर इंफ्लेशन भी काबू में रहने की उम्मीद

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय रुपये की मजबूती, ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी के दामों में गिरावट, चीन से आने वाली महंगाई पर असर और पिछले साल की तुलना में थोड़ी धीमी ग्रोथ जैसे कारणों से कोर इंफ्लेशन भी कंट्रोल में रहने की उम्मीद है. इन सभी फैक्टर्स को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2026 में औसत महंगाई दर 3.2 प्रतिशत रह सकती है.

अन्न भंडार भरपूर, अनाज की महंगाई भी कंट्रोल में होगी

फायनेंशियल ईयर 2025 देश के अन्न भंडारों के लिहाज से बेहतर रहा. इस दौरान अनाज का प्रोडक्शन अच्छा हुआ, जिससे पर्याप्त स्टॉक तैयार हुआ है. रिपोर्ट का कहना है कि ये स्टॉक आने वाले वक्त में अनाज की कीमतों को काबू में रखने में मदद करेगा.

बरसात का ट्रेंड अब तक पॉजिटिव

मौजूदा समय में मॉनसून का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है. अब तक बारिश का स्तर सामान्य से 9 प्रतिशत ज्यादा है. रिपोर्ट बताती है कि बीते तीन सालों की तुलना में यह बारिश काफी बेहतर है. सबसे ज्यादा बारिश नॉर्थ-वेस्ट और सेंट्रल इंडिया में हुई है. आईएमडी का भी अनुमान है कि आने वाले दिनों में पूरे देश में अच्छी बारिश होगी.

जलाशयों में भरपूर पानी, सर्दियों की बुआई को मिलेगा सपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि अच्छी बारिश सिर्फ गर्मियों की बुआई के लिए ही नहीं, बल्कि जलाशयों को भरने के लिए भी जरूरी है. जलाशयों में भरा पानी बारिश रुकने की स्थिति में काम आता है और सर्दियों की बुआई में सिंचाई के लिए मददगार होता है. फिलहाल देश के जलाशयों का जल स्तर न सिर्फ पिछले साल से बेहतर है, बल्कि सामान्य स्तर से भी ऊपर है. खासतौर पर साउथ इंडिया में जलाशयों की स्थिति और भी अच्छी है.

अब तक बुआई अच्छी, चावल-दाल का दायरा बढ़ा

रिपोर्ट के अनुसार, अब तक की बुआई की स्थिति भी अच्छी दिख रही है. 20 जून तक करीब 1.4 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर बुआई हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है. खास बात ये है कि चावल, दाल और दूसरे अनाज की बुआई का दायरा बढ़ा है. हालांकि तिलहन की बुआई अभी थोड़ी कमजोर चल रही है.

Advertisement

कृषि मजदूरी बढ़ी, ग्रामीण खपत को मिलेगा सपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि बुआई की अच्छी रफ्तार का असर कृषि मजदूरों की मांग और उनकी कमाई पर भी दिख रहा है. अप्रैल में कृषि मजदूरी की नॉमिनल ग्रोथ 8 प्रतिशत रही, जो पहले 6.5 प्रतिशत थी. इसके साथ ही महंगाई के घटने से असली मजदूरी यानी रियल वेज भी बढ़ रही है. इसका फायदा आने वाले महीनों में ग्रामीण खपत को मिल सकता है.

Featured Video Of The Day
Uttarkashi Cloudburst: कल्प केदार मंदिर और बड़ा भाई ज़मींदोज़ लेकिन पुजारी कैसे बचे | NDTV India
Topics mentioned in this article