एसएंडपी ग्लोबल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस वित्त वर्ष भारत की GDP ग्रोथ 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत घरेलू मांग, GST सुधार और आयकर में बदलाव से अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा.
अच्छे मानसून और सरकारी निवेश से उम्मीद
रिपोर्ट में यह भी उम्मीद जताई गई है कि अच्छे मानसून, सरकारी निवेश में बढ़ोतरी और घरेलू खर्च बढ़ने से आर्थिक गतिविधियां मजबूत रहेंगी. जून तिमाही में GDP ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रही, जो एसएंडपी की उम्मीद से बेहतर थी.
मुद्रास्फीति में गिरावट, RBI रेपो रेट में कर सकता है कटौती
खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट के बाद इस वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 3.2 प्रतिशत किया गया है. इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को मौद्रिक नीति में बदलाव की गुंजाइश मिल सकती है. एसएंडपी को उम्मीद है कि RBI इस साल 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है.
भारत में निवेश और घरेलू मांग मजबूत
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में भारत में निवेश में तेजी रही है, और यह मजबूती मुख्य रूप से सरकारी निवेश से आई है. घरेलू मांग भी मजबूत बनी हुई है.
चीन की आर्थिक स्थिति धीमी
वहीं, चीन की आर्थिक स्थिति थोड़ी धीमी दिख रही है. अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी और निर्यात में गिरावट के कारण आने वाले महीनों में चीन का निर्यात प्रभावित हो सकता है. घरेलू मांग की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन उपभोग और निवेश में गिरावट देखने को मिली. घरों की बिक्री में कमी से हाउसिंग निवेश और लोगों का भरोसा कम हुआ है, जिससे खपत भी प्रभावित हुई.
एसएंडपी ग्लोबल का कहना है कि कमजोर निर्यात और सीमित प्रोत्साहन के कारण 2025 और 2026 की दूसरी छमाही में चीन की अर्थव्यवस्था लगभग 4 प्रतिशत की दर से धीमी रह सकती है, और कीमतों पर दबाव बना रहेगा.