भारतीय अर्थव्यवस्था का शानदार प्रदर्शन, दिसंबर तिमाही में GDP वृद्धि दर बढ़कर 8.4% हुई

GDP Growth Data: तीसरी तिमाही में उच्च वृद्धि दर और समूचे वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान यह संकेत देता है कि भारत वैश्विक वृद्धि में गिरावट के दौर में भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का अपना रूतबा कायम रखेगा.

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Indian Economy Growth Rate : समूचे वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया है.
नई दिल्ली:

Indian Economy Growth Data: भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2023 के अंतिम तीन महीनों में उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है. देश की जीडीपी दिसंबर तिमाही में 8.4% की दर से बढ़ी जो डेढ़ साल में सबसे अधिक है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के गुरूवार को  आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी है. आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर (GDP Growth Rate) 8.4% रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3% थी. वहीं, इसने समूचे वित्त वर्ष (2023-24) के लिए वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया है.

चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि का यह अनुमान जनवरी में लगाए गए 7.3 प्रतिशत के पिछले अनुमान से बेहतर है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक भी क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 6.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जता चुके हैं.

विनिर्माण क्षेत्र में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि से मिली मजबूती
तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) की वृद्धि को विनिर्माण क्षेत्र में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि से मजबूती मिली. इस दौरान सेवा क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई लेकिन तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र में 0.8 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई. इस अवधि में निजी उपभोग वृद्धि भी धीमी पड़कर 3.6 प्रतिशत रही. कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि निजी उपभोग में सुस्ती उच्च जीडीपी वृद्धि के लिए चिंता की बात है.

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तेज आर्थिक वृद्धि को कायम रखने के लिए प्रयास जारी: पीएम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर कहा कि उनकी सरकार तेज आर्थिक वृद्धि को कायम रखने के लिए प्रयास जारी रखेगी.

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प्रधानमंत्री ने कहा, 'वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और इसकी क्षमता को दर्शाती है. हमारे प्रयास तेज आर्थिक वृद्धि के लिए जारी रहेंगे जो 140 करोड़ भारतीयों को बेहतर जीवन जीने और एक विकसित भारत बनाने में मदद करेगा.'

भारत समूचे वित्त वर्ष सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहेगा
तीसरी तिमाही में उच्च वृद्धि दर और समूचे वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान यह संकेत देता है कि भारत वैश्विक वृद्धि में गिरावट के दौर में भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का अपना रूतबा कायम रखेगा. इसके साथ ही एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश की वृद्धि दर के बढ़कर 7.6 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है. इस साल जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

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एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को भी संशोधित कर सात प्रतिशत कर दिया है. पहले इसके 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.

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निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत पर बरकरार
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल मूल्य-वर्धन (जीवीए) के हिसाब से विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 11.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वहीं सामान अवधि में खनन और उत्खनन में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले सिर्फ 1.4 प्रतिशत थी.निर्माण क्षेत्र ने अपनी वृद्धि दर को एक साल पहले की तरह 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.

हालांकि समीक्षाधीन अवधि में कृषि क्षेत्र के उत्पादन में 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 5.2 प्रतिशत बढ़ा था.

एनएसओ के आंकड़ों से पता चलता है कि बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवा क्षेत्र में एक साल पहले के 8.7% के मुकाबले 9% की वृद्धि हुई है. हालांकि सेवा क्षेत्र यानी व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाओं में जीवीए वृद्धि तीसरी तिमाही के दौरान 6.7% रही जबकि साल भर पहले यह 9.2% बढ़ी थी.

इसी तरह वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर भी बीती तिमाही में सात प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.7 प्रतिशत रही थी.सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं ने पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 3.5 प्रतिशत के मुकाबले 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

समूचे वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 7.6% किया गया
इसके साथ ही एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी किया. इसमें समूचे वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया जो पहले 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.

एनएसओ ने बयान में कहा, “वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर कीमतों पर जीडीपी वर्ष 2023-24 में 172.90 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है जबकि वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान 160.71 लाख करोड़ रुपये था.'

वहीं 2023-24 में मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 293.90 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2022-23 के 269.50 लाख करोड़ रुपये से 9.1 प्रतिशत अधिक है.एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में स्थिर कीमतों पर जीडीपी का आकार 43.72 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो अक्टूबर-दिसंबर, 2022 की 40.35 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के मुकाबले 8.4 प्रतिशत अधिक है.

दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर जीडीपी के 10.1% बढ़ने का अनुमान
मौजूदा कीमतों पर जीडीपी के दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10.1 प्रतिशत बढ़कर 75.49 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में यह 68.58 लाख करोड़ रुपये थी.

एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष (2022-23) के लिए जीडीपी वृद्धि दर को पहले के अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया. वित्त वर्ष 2021-22 में 150.22 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी के मुकाबले वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी 160.71 लाख करोड़ रुपये रही जो तुलनात्मक रूप से सात प्रतिशत अधिक है.

2022-23 में देश की प्रति व्यक्ति आय 1,69,496 रुपये रहने का अनुमान
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 और 2022-23 में देश की प्रति व्यक्ति आय क्रमशः 1,50,906 रुपये और 1,69,496 रुपये रहने का अनुमान है.

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में अर्थव्यवस्था 8.2% की दर से बढ़ी
इसके साथ ही एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष की पहली एवं दूसरी तिमाही के लिए भी जीडीपी अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया है. पिछला अनुमान पहली तिमाही के लिए 7.8 प्रतिशत और दूसरी तिमाही के लिए 7.6 प्रतिशत का था. इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.3 प्रतिशत बढ़ी थी.

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