भारत की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से दौड़ेगी... फिच ने FY26 के लिए ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 6.9% किया

India Economy Growth: रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ग्रोथ की सबसे बड़ी वजह मजबूत घरेलू मांग होगी. भारतीय रिजर्व बैंक से उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है.

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GDP Growth ForCast FY26: वित्त वर्ष के लिए फिच ने अपना अनुमान पहले के 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है.
नई दिल्ली:

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने अपने लेटेस्ट ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर पॉजिटिव अनुमान जताया है. रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भारत भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच मजबूती का प्रदर्शन कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अगले तीन साल तक 6 प्रतिशत से ऊपर की ग्रोथ रेट बनाए रखेगा. मार्च 2026 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष के लिए फिच ने अपना अनुमान पहले के 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है.

घरेलू मांग बनेगी ग्रोथ की ताकत

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ग्रोथ की सबसे बड़ी वजह मजबूत घरेलू मांग होगी. बढ़ती वास्तविक आय और आसान फाइनेंशियल कंडीशन के चलते लोगों का खर्च बढ़ेगा और निवेश को भी मजबूती मिलेगी. यही वजह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी क्षमता से थोड़ा ऊपर काम करती दिख रही है.

RBI रेपो रेट में कर सकता है 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती 

फिच का मानना है कि वित्त वर्ष 2027 में भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत रह सकती है, जबकि वित्त वर्ष 2028 में यह घटकर 6.2 प्रतिशत तक आ सकती है. वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक से उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है. इसके बाद 2026 तक दरों में स्थिरता बनी रहेगी और 2027 से दोबारा दरें बढ़ाई जा सकती हैं.

ग्लोबल ग्रोथ पर मिला-जुला अनुमान

भारत ही नहीं, बल्कि चीन और यूरोजोन के बेहतर आंकड़ों की वजह से फिच ने 2025 के लिए वैश्विक विकास अनुमान को 2.4 प्रतिशत कर दिया है. चीन का अनुमान 4.2 से बढ़ाकर 4.7 प्रतिशत और यूरोजोन का 0.8 से बढ़ाकर 1.1 प्रतिशत कर दिया गया है. अमेरिका के लिए अनुमान थोड़ा बढ़कर 1.6 प्रतिशत हुआ है, लेकिन वहां मंदी के संकेत साफ नज़र आने लगे हैं.

फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कूल्टन के अनुसार, "यूएस टैरिफ वृद्धि काफी ज्यादा है और इसका प्रभाव ग्लोबल ग्रोथ में कमी के रूप में देखने को मिलेगा. अमेरिका में धीमी गति के प्रमाण अब केवल सेंटीमेंट सर्वे में सीमित न रहकर ठोस आंकड़ों में दिखाई दे रहे हैं."

यूएस टैरिफ में बढ़ोतरी से ग्लोबल इकोनॉमी को नुकसान 

फिच ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की धीमी अर्थव्यवस्था का असर ग्लोबल ग्रोथ पर पड़ सकता है. यूएस टैरिफ में बढ़ोतरी से ग्लोबल इकोनॉमी को नुकसान होगा. एजेंसी को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व सितंबर और दिसंबर में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करेगा और फिर 2026 में तीन और कटौतियां होंगी. हालांकि, 2025 के अंत तक अमेरिका में महंगाई दबाव बढ़ने से कंज्यूमर डिमांड कमजोर हो सकती है.

फिच का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत स्थिति में है. घरेलू मांग, बेहतर इनकम और निवेश की वजह से देश की ग्रोथ दर आने वाले सालों में भी 6 प्रतिशत से ऊपर बनी रहने की उम्मीद है.

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