वैश्विक तनाव कम होने से भारतीय उद्योग जगत में निवेश को लेकर बढ़ी उम्मीदें, सौदों में तेजी आने की उम्मीद : रिपोर्ट

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया की पार्टनर शांति विजेता ने कहा कि "डील्स की संख्या भले ही घटी हो, लेकिन प्राइवेट इक्विटी निवेश में स्थिरता, नए यूनिकॉर्न का आना और जून में IPO की रफ्तार एक पॉजिटिव संकेत हैं."

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Grant Thornton Report: में बताया गया है कि आने वाले महीनों में विदेशी निवेशक इनबाउंड M&A (विलय और अधिग्रहण) में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
नई दिल्ली:

भारतीय इंडस्ट्री में 2025 की दूसरी तिमाही के दौरान डील्स यानी सौदों की रफ्तार थोड़ी धीमी रही. इसकी वजह  दुनिया में जारी अनिश्चितताएं जैसे ईरान-इजराइल संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका की नीतियों में बदलाव और गोल्ड की ऊंची कीमतें रही. लेकिन एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, अब जैसे-जैसे ये ग्लोबल चुनौतियां कम होंगी, भारत में निवेश और डील एक्टिविटी दोबारा रफ्तार पकड़ सकती है.

विदेशी निवेशक निभाएंगे बड़ा रोल

ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले महीनों में विदेशी निवेशक इनबाउंड M&A (विलय और अधिग्रहण) में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. साथ ही, पब्लिक मार्केट यानी IPO और क्यूआईपी में भी फिर से तेजी देखी जा सकती है.

दूसरी तिमाही में कितनी डील्स हुईं?

2025 की दूसरी तिमाही में IPO और क्यूआईपी सहित कुल 582 डील्स दर्ज की गईं, जिनकी कुल वैल्यू लगभग 17 अरब डॉलर रही. वहीं सिर्फ M&A और PE डील्स की संख्या 554 रही, जिनका कुल मूल्य 12.8 अरब डॉलर रहा. ये आंकड़े दिखाते हैं कि डील वॉल्यूम में करीब 13% की गिरावट दर्ज की गई.

बैंकिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में दिखी स्थिरता

हालांकि डील्स की रफ्तार थोड़ी धीमी रही, लेकिन बैंकिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर में अच्छी एक्टिविटी देखी गई. ग्रांट थॉर्नटन इंडिया की पार्टनर शांति विजेता ने कहा कि "डील्स की संख्या भले ही घटी हो, लेकिन प्राइवेट इक्विटी निवेश में स्थिरता, नए यूनिकॉर्न का आना और जून में IPO की रफ्तार एक पॉजिटिव संकेत हैं."

प्राइवेट इक्विटी और मर्जर का क्या रहा हाल?

2025 की दूसरी तिमाही में प्राइवेट इक्विटी निवेश (PE Deals) में 357 डील्स हुईं, जिनकी कुल वैल्यू 7.4 अरब डॉलर रही. वहीं, M&A सेक्टर में 197 डील्स हुईं, जिनकी कुल वैल्यू 5.4 अरब डॉलर रही. इस तिमाही की सबसे बड़ी डील रही सुमितोमो मित्सुई बैंक का येस बैंक में 1.57 अरब डॉलर का निवेश.

IPO और QIP का क्या रहा ट्रेंड?

IPO एक्टिविटी में लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट रही, लेकिन जून महीने में सुधार के संकेत मिले. वहीं, क्यूआईपी फ्रंट पर 16 डील्स हुईं, जिनका कुल मूल्य 2.2 अरब डॉलर रहा. इनमें से 49% राशि सिर्फ बैंकिंग सेक्टर से आई, जिससे पता चलता है कि फाइनेंशियल सेक्टर में निवेशकों की रुचि बनी हुई है.

Advertisement

आने वाले महीनों में बढ़ेगी रफ्तार

रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि जैसे-जैसे बाहरी ग्लोबल दबाव कम होंगे और भारत का मजबूत इकोनॉमिक स्ट्रक्चर सपोर्ट करेगा, वैसे-वैसे इंडस्ट्री में डील्स की रफ्तार और निवेश की धार दोबारा लौटेगी.
 

Featured Video Of The Day
Bihar Bandh में Tejashwi और Rahul Gandhi से ज्यादा Pappu Yadav क्यों चर्चा में? | Khabron Ki Khabar