भारत के जॉब मार्केट के लिए शानदार रहा वित्त वर्ष 2025, फ्रेशर्स और टेक टैलेंट की जबरदस्त मांग रही

भारत के जॉब मार्केट में जनवरी-मार्च 2025 के बीच 82 प्रतिशत कंपनियों ने सक्रिय रूप से नियुक्तियां कीं, जो कि पिछली तिमाही से 3 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

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भारत के जॉब मार्केट में जनवरी-मार्च 2025 के बीच 82 प्रतिशत कंपनियों ने सक्रिय रूप से नियुक्तियां कीं, जो कि पिछली तिमाही से 3 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई.  इन-डीड की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, ''वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारतीय नियोक्ताओं ने अपनी टीम का विस्तार करना जारी रखा. यह विस्तार विशेष रूप से टेक्नोलॉजी और फ्रेशर्स रोल से जुड़ा था.''

नए स्नातकों की मांग विशेष रूप से अधिक थी, जो सभी नई नियुक्तियों में से आधे से अधिक थी. हायरिंग को लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, डेटा एनालिस्ट और सेल्स एग्जीक्यूटिव शीर्ष भूमिकाओं के रूप में उभरे. रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनियां केवल रिक्तियों को नहीं भर रही हैं, बल्कि वे कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए टेक-फॉर्वर्ड टीम का निर्माण कर भविष्य में निवेश कर रही हैं.

इन-डीड इंडिया में बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, "न्यू एज टेक कंपनियों और एआई-साइबर सुरक्षा जैसे इनोवेशन-आधारित सेक्टर से सही प्रोत्साहन के साथ, हमारे पास इस ऊर्जा को प्रभाव में बदलने का एक वास्तविक अवसर है." उन्होंने कहा कि जॉब मार्केट विकसित हो रहा है और नियोक्ता सतर्क आशावाद के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

उन्होंने जोर देकर कहा, "फ्रेशर्स की भर्ती स्थिर बनी हुई है. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स और एआई जैसे सेक्टर में तकनीकी भूमिकाएं बढ़ती जा रही हैं, कंपनियां इस बारे में अधिक सोच-समझकर काम कर रही हैं कि वे किसे नियुक्त करती हैं और भविष्य के लिए तैयार टीमों का निर्माण कैसे करती हैं."

एआई, मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे उभरते सेक्टर में प्रशिक्षित फ्रेशर्स की मांग में वृद्धि भारत के डिजिटल परिवर्तन पर बढ़ते फोकस को दर्शाती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टार्टअप और बड़ी फर्में भविष्य के लिए तैयार टीमों का निर्माण करना चाहती हैं और युवा पेशेवर इस मामले में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. नियोक्ताओं ने 2025 में इस वर्ग को औसतन 3.5 लाख रुपए प्रति वर्ष का शुरुआती वेतन दिया, जो फ्रेशर्स की अपेक्षाओं से काफी मेल खाता है.

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अधिकांश जॉब ऑफर 3-5 लाख रुपए की रेंज में थे, जो दर्शाता है कि कंपनियां युवा प्रतिभाओं में निवेश करने के लिए तैयार हैं. रिपोर्ट के अनुसार, वास्तव में, 72 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि पिछले साल फ्रेशर्स के वेतन में वृद्धि हुई है.

वित्त वर्ष 2026 को देखते हुए भर्ती परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नियोक्ता सही कैंडिडेट्स को आकर्षित करने के लिए भूमिकाओं, जिम्मेदारियों और वर्क कल्चर के बारे में अधिक पारदर्शी हो रहे हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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