क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़त, जियोपॉलिटिकल टेंशन और OPEC+ के फैसले का असर

Crude Oil Price Hike: पिछले दो महीने कच्चे तेल के लिए काफी उथल-पुथल वाले रहे हैं. जब ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने की बात की थी, तब कीमतें चार साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थीं. हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी हुई, लेकिन अभी भी इस साल तेल की कीमतों में करीब 15% की गिरावट बनी हुई है.

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Crude Oil Price Update: OPEC+ की अगली मीटिंग 6 जुलाई को होगी जिसमें अगस्त की सप्लाई को लेकर चर्चा होगी.
नई दिल्ली:

सप्ताह की शुरुआत में कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में उछाल देखा गया. इसकी बड़ी वजह रही दुनियाभर में बढ़ा तनाव (Geopolitical tensions) और OPEC+ की सप्लाई को लेकर आया अपडेट. ब्रेंट क्रूड (Brent crude price) अगस्त डिलीवरी के लिए 2.1% बढ़कर 64.09 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया, जबकि पिछले हफ्ते इसमें 2.2% की गिरावट आई थी. वहीं, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी WTI भी करीब 62 डॉलर के आसपास रहा.

रूस-यूक्रेन और ईरान से जुड़ी टेंशन का असर

तेल की कीमतों में इस बढ़त का एक बड़ा कारण  रूस और यूक्रेन के बीच ताजा तनाव (Russia Ukraine War) रहा. यूक्रेन ने रूस के अंदर एयरबेस पर हमला(Ukraine Attack Russia ) किया, वहीं ईरान ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया जिसमें उसके बढ़ते यूरेनियम स्टॉक का जिक्र था. इसके अलावा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर फिर से टैरिफ (Trump Tariffs) बढ़ाने की बात की, जिससे ट्रेड वार (Trade War) का खतरा एक बार फिर गहराया है.

OPEC+ की मीटिंग में सप्लाई बढ़ाने का फैसला

शनिवार को OPEC+ देशों की मीटिंग हुई जिसमें यह तय किया गया कि जुलाई में 4.11 लाख बैरल प्रतिदिन की सप्लाई बढ़ाई जाएगी. यह आंकड़ा मई और जून की सप्लाई बढ़ोतरी के बराबर है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ग्रुप इससे ज्यादा बढ़ोतरी कर सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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दो महीने से चल रहा है उतार-चढ़ाव

पिछले दो महीने कच्चे तेल के लिए काफी उथल-पुथल वाले रहे हैं. जब ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने की बात की थी, तब कीमतें चार साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थीं. हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी हुई, लेकिन अभी भी इस साल तेल की कीमतों में करीब 15% की गिरावट बनी हुई है. इसकी वजह लगातार चलते ट्रेड कॉन्फ्लिक्ट और OPEC+ द्वारा पहले की तरह प्राइस सपोर्ट करने की पॉलिसी को छोड़ देना है.

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सऊदी अरब की सख्ती, कुछ देश थे खिलाफ

OPEC+ के कुछ सदस्य जैसे रूस, अल्जीरिया और ओमान सप्लाई में थोड़ी राहत चाहते थे, लेकिन सऊदी अरब ने तय किया कि ज्यादा प्रोडक्शन करने वाले देशों जैसे कजाखस्तान और इराक पर दबाव डाला जाएगा. अगली मीटिंग 6 जुलाई को होगी जिसमें अगस्त की सप्लाई को लेकर चर्चा होगी.

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ब्रेंट क्रूड की कीमतें 60 से 65 डॉलर के बीच रहने का अनुमान

वेस्टपैक बैंकिंग कॉर्प के कमोडिटी रिसर्च हेड रॉबर्ट रैनी के मुताबिक, "ब्रेंट क्रूड की कीमतें 60 से 65 डॉलर के बीच बनी रह सकती हैं जब तक कि OPEC की असल प्रोडक्शन स्पीड का अंदाजा न मिल जाए." कुछ संकेत मिल रहे हैं कि सप्लाई बढ़ाने की रफ्तार धीमी हो सकती है क्योंकि कई देश थोड़े ब्रेक की मांग कर रहे थे.
 

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