अल्ट्राटेक की फर्म समेत तीन सीमेंट कंपनियों पर CCI की कार्यवाही, पिछले वित्तीय रिकॉर्ड मांगे

सीसीआई ने ओएनजीसी की तरफ से दायर एक शिकायत पर ये कार्यवाही की है जिसमें निविदाओं में कार्टेलाइजेशन का आरोप लगाया गया था.

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नई दिल्ली:

कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया  (CCI) ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी अल्ट्राटेक को अपनी कंपनी इंडिया सीमेंट्स के वित्तीय दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया है. दो अन्य कंपनी- डालमिया भारत सीमेंट्स और श्री दिग्विजय सीमेंट्स को भी ऑडिटेड बैलेंस शीट और प्रॉफिट-लॉस जैसी वित्तीय रिपोर्ट आठ हफ्ते में दाखिल करने को कहा है. इनके अधिकारियों से भी इनकम टैक्स जैसे विवरण मांगे गए हैं. यह कार्यवाही जांच में प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन के आरोपों के बाद की गई है.

सीसीआई ने अल्ट्राटेक से उसकी सहायक कंपनी इंडिया सीमेंट्स के वित्तीय वर्ष 2015 से लेकर 2019 तक पांच साल के वित्तीय रेकॉर्ड तलब किए हैं. डालमिया भारत सीमेंट्स और श्री दिग्विजय सीमेंट्स को वित्तीय वर्ष 2011 से 2019 तक के नौ साल की डिटेल्स जमा करने को कहा गया है.

अधिकारियों से भी मांगे रेकॉर्ड

सीसीआई ने इन कंपनियों के अधिकारियों को अपने पांच साल के डिटेल्ड फाइनेंशियल और इनकम टैक्स रेकॉर्ड सबमिट करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा सीसीआई महानिदेशक की जांच रिपोर्ट पर औपचारिक जवाब दाखिल करने को भी कहा है. 

ONGC की शिकायत पर कार्यवाही

सीसीआई ने ओएनजीसी की तरफ से दायर एक शिकायत पर ये कार्यवाही की है जिसमें निविदाओं में कार्टेलाइजेशन का आरोप लगाया गया था. इसके बाद सीसीआई ने 18 नवंबर 2020 को अपनी जांच इकाई डायरेक्टर जनरल को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था.

सीसीआई के डायरेक्टर जनरल ने इस साल 18 फरवरी को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन की पुष्टि की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि अल्ट्राटेक की सहायक कंपनी इंडिया सीमेंट्स, श्री दिग्विजय सीमेंट्स और डालमिया भारत सीमेंट्स ने प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करते हुए एक मध्यस्थ उमाकांत अग्रवाल से साठगांठ की थी.

डिटेल न देने पर होगी कार्रवाई

सीसीआई ने इसके बाद 26 मई 2025 को जांच रिपोर्ट पर विचार किया और चार पेज का आदेश जारी करके सीमेंट निर्माताओं को पीएसयू द्वारा कथित उल्लंघनों से प्राप्त आय जमा करने का निर्देश दिया. सीसीआई के नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर कंपनियां तय समय सीमा के अंदर वित्तीय विवरण जमा नहीं करतीं या फिर अधूरी या गलत जानकारियां देती हैं तो वे अधिनियम की धारा 45 के तहत जवाबदेह होंगी. इस बारे में खबर लिखे जाने तक अल्ट्राटेक और डालमिया भारत सीमेंट्स से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.

बता दें कि अल्ट्राटेक सीमेंट्स ने पिछला साल दिसंबर में इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के प्रमोटरों और प्रमोटर समूह की इकाइयों से 32.72 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी. आदित्य बिरला ग्रुप की इस कंपनी ने पहले ही बाजार से 22.77 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली थी और तमिलनाडु  की कंपनी की प्रमोटर बन गई थी. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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