सैलरीड क्लास को खुश कर दिया, टैक्स स्लैब की इस राहत पर वित्त मंत्री को 10 में 9 नंबर पक्के

Tax Slab Change: टैक्स व्यवस्था में बदलाव से क्या फर्क पड़ेगा और ये कितना और किन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा, एक्सपर्ट से जानिए.

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Budget 2024: इनकम टैक्स में बदलाव से कितना फायदा
नई दिल्ली:

बजट 2024-25 में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इनकम टैक्स पेयर्स (Income Tax Slab) को जो भी राहत दी गई है, वह कितनी फायदेमंद है और इसका फायदा किसे मिलेगा. टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट पचास हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दी गई है. यह तोहफा इनकम टैक्स की नई स्कीम चुनने वालों के लिए है. 7 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम पर सिर्फ़ 5 फ़ीसदी इनकम टैक्स देना होगा. 

बजट को अगर पूरी तौर पर देखा जाए, तो वित्त मंत्री को 10 में से 9 नंबर बनते हैं. बजट बहुत अच्छा है. जो उम्मीद थी, कि मीडिल इनकम ग्रुप के हाथ में और पैसा दिया जाएगा, मेरे ख्याल से यह बजट बहुत अच्छा है. ऐसा नहीं है कि सैलरी 12 से 15 लाख वालों को ही इसका फायदा होगा. ऐसा नहीं है. स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने से 50 हजार करने से 75 हजार बढ़ने से हर किसी को फायदा होगा. जैसा कि वित्त मंत्री ने कहा है कि 17 हजार 500 रुपए की हर किसी को टैक्स में बचत होगी. फैमली पेंशन वालों के लिए भी इसे 15 से 25 कर दिया है.

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सरकार के फैसले से लोग कितने खुश?

कैपिटल मार्केट हम देख ही रहे हैं, कि कितना ऊपर गया है. सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के टैक्स को ढाई प्रतिशत बढ़ा दिया है. 10 से इसे साढ़े 12 कर दिया है. छोटे निवेशों के लिए 1 लाख की लिमिट को 1 लाख 25 हजार तक बढ़ा दिया है.  बजट से शयेर मार्केट खुश नहीं है, क्यों कि इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है, ऐसा इसलिए है कि कैपिटल गेन पर टैक्स लग गया है. दूसरा कुछ महीनों और कुछ सालों से डेरिवेटिंग ट्रेडिंग की तरफ काफी लोग जाने लगे थे. उसके SAT का रेट बढ़ा दिया है, ताकि लोगों को डिसकरेज किया जा सके, क्यों कि उससे कोई सेविंग नहीं होती है. हालांकि इसी उम्मीद थी.

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 काफी बैलेंस रखने की कोशिश

स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को सरकार 50 हजार से बढ़ाकर सिर्फ 75 हजार तक ही ले जाया गया,  क्यों कि सरकार के पास जो भी पैसा आ रहा है, वह कोविड के समय के कलेक्शन से भी ज्यादा है. तो इसे देखकर क्या आपको ऐसा लगता था कि इसे ज्यादा मिलेगा. अभी हम कोविड के दौर से बाहर निकले हैं. ऐसे में सरकार को ग्रोथ पर भी पैसा खर्च करना है. एजुकेशन लोन पर, जो तीन परसेंट बचत मिल रही है या फिर नई जॉब पाने वाले को जो एक महीने की सैलरी देने की बात कही गई है या इनसेंटिव देने की बात कही गई है, ये सब इस ग्रोथ में लॉन्ग टर्म तक योगदान देंगे. सरकार ने काफी बैलेंस रखने की कोशिश की है. 

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नए टैक्स स्लैब से किसको फायदा?

नई टैक्स व्यवस्था में पहले और अब में यह फर्क है कि सरकार ने 0 से 3 लाख तक जीरो परसेंट टैक्स, दूसरी स्लैब में 3 से 6 की जगह पर 3 से 7 कर दिया है.  और 7 से 10 को 10 परसेंट कर दिया है, ये बहुत ही मार्जनल चेंज है. इससे लोअर इनकम ग्रुप से लोगों को भी कुछ न कुछ फायदा जरूर मिलेगा. लेकिन इसका फायदा सिर्फ उनको ही होगा, जो लोग नए टैक्स रिजीम के तहत आते हैं. मतलब ये है कि जो लोग पुराने टैक्स रिजीम को फॉलो कर रहे हैं, उनको स्टैंडर्ड डिडेक्शन के अलावा इसमें कुछ भी फायदा नहीं है. 

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एंजेल टैक्स को खत्म करने का भी काफी फायदा लोगों को मिलेगा. स्टार्टअप अगर किसी को बाहर से शेयर अलॉट करते थे तो अगर उसकी वेल्यू शेयर मार्केट की वेल्यू से काफी ज्यादा होती थी तो उनको उसका टैक्स देना पड़ता था. अब उनको ये टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा. ये उनके इको सिस्टम के लिए काफी बढ़िया कदम है. 

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नए टैक्स रिजीम से कितने  टैक्सपेयर्स को फायदा?

जैसे कि वित्त मंत्री ने बताया कि नए टैक्स रिजीम से 4 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होने वाला है. इससे हर टैक्सपेयर को 17, 500 का फायदा होगा. मुझे नहीं लगता कि सरकार के पास इससे ज्यादा घटाने की गुंजाइश थी. 2023 के बजट में उन्होंने नए टैक्स रिजीम में काफी बदलाव किए थे. जिसका फायदा काफी लोगों को मिला. इसी लिए दो तिहाई टैक्स पेयर्स नए टैक्स रिजीम की तरफ मुड़ गए. 

इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि 7.8 मिलियन जॉब सर साल क्रिएट करनी होंगी. हमारे यहां सर्विस सेक्टर सबसे ज्यादा है. हम ग्लोबली बहुत ही अलग से हालात में डील कर रहे हैं. नई टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नौकरियों पर काफी फर्क पड़ा है. वहीं चाइना वन पॉलिसी है, जो मेन्युफेक्चरिंग बढ़ाना चाहते हैं, उसको ध्यान में रखते हुए नए एंप्लॉयमेंट को जनरेट किया जाए. अगर पहली बार जॉब पाने वाले को सरकार एक महीने की सैलरी देना चाहती है, उसके लिए भी सैलरी की लिमिट 1 लाख रुपए हर महीने है या फिर 3 हजार रुपए तक पीएफ फंड में दो साल तक कॉन्ट्रीव्यूट करना, मुझे लगता है कि ये कुछ हद तक इंसेटिवाइज करेंगे कि रोजगार जनरेट हो. 

सरकार पर प्रेशर बहुत ज्यादा है

लेकिन हमको ये नहीं भूलना चाहिए कि गैप बहुत ज्यादा है. प्रेशर बहुत ज्यादा है. स्वरोजगार जनरेट करने के लिए या री-स्किलिंग जनरेट करने के लिए जैसे कि वित्त मंत्री ने कहा कि वह रेहड़ी वालों के लिए स्पेस बनाएंगे या फिर एजुकेशन के लिए 3 परसेंट बचत के साथ लोन देंगे, मुझे लगता है कि इनका भले ही अभी न दिखे लेकिन कुछ समय बाद दिखेगा.

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