"भारतीय बाजार में अपार संभावनाएं": अरबपति वॉरेन बफेट ने भविष्य में निवेश की ओर किया इशारा

भारत में निवेश के बारे में बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफेट ने कहा, ''हो सकता है कि कोई ऐसा अवसर हो, जिसकी खोज न की गई हो या जिस पर ध्यान न दिया गया हो... लेकिन ऐसा भविष्य में हो सकता है. 

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Warren Buffet भारत में निवेश की संभावनाओं को तलाशने को लेकर काफी उत्साहित हैं.
नई दिल्ली:

दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में गिने जाने वाले अरबपति वॉरेन बफेट (Warren Buffet) ने कहा कि भारतीय बाजार में भरपूर अवसर हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके समूह की होल्डिंग कंपनी बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) भविष्य में भारतीय बाजार में मौजूद इन अवसरों को तलाशना चाहेगी. उन्होंने आने वाले समय में भारत में निवेश करने को लेकर संकेत भी दिए हैं. बर्कशायर की वार्षिक बैठक के दौरान शुक्रवार को वॉरेन बफेट ने यह टिप्पणी की है.

जब भारतीय इक्विटी में निवेश करने वाले अमेरिका स्थित हेज फंड दूरदर्शी एडवाइजर्स के राजीव अग्रवाल ने उनसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में बर्कशायर की संभावनाओं के बारे में पूछा था, तो इसके जवाब में उन्होंने यह बात कही है.

वॉरेन बफेट ने भारत में निवेश को लेकर कही ये बात

वॉरेन बफेट से कहा, ''यह एक बहुत अच्छा सवाल है. मुझे यकीन है कि भारत जैसे देशों में बहुत सारे अवसर हैं.'' बर्कशायर हैथवे के सह-संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ ने कहा, ''हालांकि, सवाल यह है कि क्या हमारे पास भारत में उन व्यवसायों को लेकर कोई इनसाइट या कॉन्टैक्ट है, जो बर्कशायर की भागीदारी के जरिए लेनदेन को संभव बना सके.''

नया मैनेजमेंट कर सकता है भारत में निवेश पर फैसला

अरबपति निवेशक बफेट (93) ने कहा कि बर्कशायर दुनिया भर में एक बड़ा नाम है. उन्होंने कहा कि जापान में उनका अनुभव काफी दिलचस्प रहा है.

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भारत में निवेश के बारे में बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ ने कहा, ''हो सकता है कि कोई ऐसा अवसर हो, जिसकी खोज न की गई हो या जिस पर ध्यान न दिया गया हो... लेकिन ऐसा भविष्य में हो सकता है. उन्होंने कहा कि बर्कशायर का युवा मैवेजमेंट भारत में निवेश की योजना को आगे बढ़ा सकता है. ''

एप्पल में हिस्सेदारी कम करने से जुड़े सवाल पर बफेट

इसके अलावा बफेट ने हाल ही में बर्कशायर हैथवे द्वारा लिए गए कुछ प्रमुख निवेश निर्णयों से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए. इसमें एप्पल में हिस्सेदारी कम करने से जुड़ा एक सवाल भी था. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका शेयर के लॉन्ग टर्म व्यू से कोई संबंध नहीं है. हाल ही में मंदी के बावजूद संभव है कि एप्पल उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग्स में से एक रहेगा. उन्होंने शेयरधारकों को यह भी बताया कि वाइस चेयरमैन ग्रेग एबेल और अजीत जैन ने उनके जाने के बाद बर्कशायर का नेतृत्व करने के लिए खुद को साबित किया है.

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