उत्तर भारत में पराली जलाने का समय शाम चार से छह बजे के बीच हो रहा है, जिससे उपग्रह ट्रैकिंग मुश्किल हो गई है देर शाम पराली जलाने से जहरीले प्रदूषक कण रातभर हवा में जमा रहते हैं और सुबह की हवा और अधिक प्रदूषित होती है किसान जानबूझकर उपग्रहों के गुजरने के बाद पराली जलाते हैं ताकि आधिकारिक आंकड़ों में आग की संख्या कम दिखे