आयुष्मान भारत योजना बनी संजीवनी, दो परिवारों ने जताया प्रधानमंत्री मोदी का आभार

यूसुफ और इकबाल के परिवारों ने प्रधानमंत्री मोदी और सरकार से अपील की है कि ऐसी योजनाएं और अधिक मजबूती के साथ चलाई जाएं ताकि देश का हर गरीब नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रह सके.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
23 सितंबर, 2018 को शुरू हुई थी योजना.
अहमदाबाद:

अहमदाबाद देश भर में जन-जन तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना गरीब परिवारों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है. गुजरात के अहमदाबाद और बड़ोदरा के दो गरीब परिवार इस योजना से लाभान्वित हुए हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत दोनों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलना संभव हो पाया. दोनों परिवारों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान अपनी भावनाएं साझा की और बताया कि कैसे यह योजना उनके लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आई.

वरदान बनकर आई आयुष्मान योजना 

पेशे से फल विक्रेता और अहमदाबाद के रहने वाले मोहम्मद यूसुफ बागवान का जीवन उस समय संकट में पड़ गया जब उन्हें दिल की बीमारी का पता चला. पहले से ही हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे 48 वर्षीय यूसुफ की कुछ और नसें ब्लॉक हो गईं, जिससे स्थिति गंभीर हो गई. घर में पत्नी और दो बेटियों के साथ, परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी. ऐसे समय में आयुष्मान भारत योजना उनके लिए वरदान बनकर सामने आई. इस योजना के तहत उनका पूरा इलाज नि:शुल्क हुआ.

यूसुफ ने आईएएनएस को बताया कि आयुष्मान कार्ड के कारण मुफ्त में मेरा इलाज हुआ. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रगुजार हूं. हम आज ठीक हो गए, अगर यह योजना नहीं होती तो मेरा इलाज नहीं हो पाता. यह एक बहुत ही अच्छी योजना है. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं.

Advertisement

पीएम को किया आभार व्यक्त

यूसुफ की बेटी आमीना खातून ने भी केंद्र की मोदी सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि गरीबों के लिए यह योजना काफी लाभदायक है. सरकार को इस तरह की योजनाएं चालू रखनी चाहिए. इस योजना के कारण मेरे पिता का इलाज संभव हो पाया. हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं.

Advertisement

बड़ोदरा के इकबाल को भी आयुष्मान कार्ड का सहारा

बड़ोदरा के इकबाल हुसैन मंसूरी, जो मोटर वाइंडिंग का काम करते हैं, वह भी हृदय रोग की समस्या से जूझ रहे थे. पहले ही दो बार स्टेंट डलवा चुके इकबाल को तीसरी बार जब एनजियोप्लास्टी की जरूरत पड़ी, तब इलाज का खर्च उनकी पहुंच से बाहर था. पर आयुष्मान कार्ड ने एक बार फिर उन्हें राहत दी. अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में उनका इलाज हुआ. कार्ड की 5 लाख रुपये की सीमा पहले ही खर्च हो चुकी थी, लेकिन फिर भी उन्हें योजना के तहत इलाज मिल सका.

Advertisement

इकबाल मंसूरी ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत फ्री में हमारा इलाज हुआ. हमें किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं करना पड़ा. इसके लिए हम प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करते हैं. यह गरीबों के लिए बेहद अच्छी योजना है.

Advertisement

उनकी बेटी शाहीन मंसूरी ने भावुक होते हुए कहा कि जब पिताजी बीमार हुए तो हम बहुत घबरा गए थे. प्राइवेट अस्पताल का खर्च उठाना हमारे लिए असंभव था. आयुष्मान कार्ड से हमें हर तरह की सुविधा मिली और आज पिताजी स्वस्थ हैं. हम प्रधानमंत्री मोदी को सलाम करते हैं.

इन दोनों परिवारों ने प्रधानमंत्री मोदी और सरकार से अपील की है कि ऐसी योजनाएं और अधिक मजबूती के साथ चलाई जाएं ताकि देश का हर गरीब नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रह सके.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Haj 2025: हज की यात्रा पड़ सकती है भारी, एक गलती से लग सकता है लाखों का जुर्माना | Saudi Arab
Topics mentioned in this article