अमेज़न इंडिया के कन्ट्री हेड मनीष तिवारी ने दिया इस्तीफ़ा, अक्टूबर तक पद पर बने रहेंगे

IIM, बेंगलुरू से मैनेजमेंट तथा BITS से कम्प्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले मनीष तिवारी भारत में अमेज़न के लिए सेलर सर्विसेज़ समेत समूचे कन्ज़्यूमर बिज़नेस का नेतृत्व करते रहे हैं.

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ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न इंडिया के कन्ट्री हेड मनीष तिवारी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. यह जानकारी कंपनी के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर को दी है.

कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मनीष तिवारी ट्रांज़िशन के लिए इस साल अक्टूबर तक पद पर बने रहेंगे. बयान के अनुसार, इस दौरान सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (इंडिया एंड एमर्जिंग मार्केट्स) अमित अग्रवाल अमेज़न इंडिया टीम के साथ करीब से जुड़े रहेंगे.

अमेज़न इंडिया के समूचे कन्ज़्यूमर बिज़नेस का नेतृत्व करते रहे मनीष

भारतीय प्रबंधन संस्थान, यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (IIM) बेंगलुरू से मैनेजमेंट तथा बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) से कम्प्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले मनीष तिवारी भारत में अमेज़न के लिए सेलर सर्विसेज़ समेत समूचे कन्ज़्यूमर बिज़नेस का नेतृत्व करते रहे हैं. मनीष तिवारी के कार्यकाल के दौरान उनका फ़ोकस भारत में खरीद और बिक्री के तरीके को बदलने पर रहा.

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लगभग 20 साल तक यूनिलीवर से जुड़े रहे मनीष तिवारी

वर्ष 2016 में अमेज़न इंडिया से जुड़े मनीष तिवारी उससे पहले लम्बे समय तक यूनिलीवर से जुड़े रहे थे. मनीष ने यूनिलीवर में लगभग 20 वर्ष तक सेल्स, मार्केटिंग और मैनेजमेंट से जुड़ी विभिन्न भूमिकाओं में काम किया था. उनके पास दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सेल्स की विशेष ज़िम्मेदारी थी, और वह यूनिलीवर (इंडिया) बोर्ड का भी हिस्सा रहे. जिस वक्त मनीष तिवारी अमेज़न इंडिया से जुड़े, उससे ठीक पहले वह यूनिलीवर (गल्फ़) के प्रबंध निदेशक (MD) थे, और उत्तरी अफ्रीका तथा मध्य पूर्व के 34 देशों के समूह का प्रबंधन देखते थे.

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2013 से अब तक भारत में ₹54500 करोड़ का निवेश कर चुकी अमेज़न

याद रहे, अमेज़न ने वर्ष 2013 में भारत में प्रवेश किया था, और 5 जून, 2013 को भारत में अपनी पहली ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट लॉन्च की थी, जिस पर शुरुआत में सिर्फ़ किताबें बेची जाती थीं. तब से अब तक अमेज़न भारत में सप्लाई चेन, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग जैसे बुनियादी ढांचे पर 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹54,557 करोड़) से ज़्यादा का निवेश कर चुकी है. कंपनी का दावा है कि उसने भारत में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 11 लाख से ज़्यादा रोज़गार पैदा किए हैं, और वर्ष 2025 तक रोज़गार के इस आंकड़े को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.

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