अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद गुरुवार को हुए एयर इंडिया विमान हादसे (Ahmedabad plane crash) को भारत का अब तक का सबसे महंगा एविएशन इंश्योरेंस (India costliest aviation claim) क्लेम माना जा रहा है. इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई थी और प्लेन पूरी तरह से क्रैश हो गया था.
इंश्योरेंस क्लेम की रकम 2,400 करोड़ रुपये होने की संभावना
एक्सपर्ट्स के अनुसार, एयर इंडिया प्लेन क्रैश (Air India plane crash) से जुड़े इंश्योरेंस क्लेम की राशि 211 मिलियन डॉलर से लेकर 280 मिलियन डॉलर तक हो सकती है, जो कि भारतीय रुपये में लगभग 2,400 करोड़ रुपये है.
इंश्योरेंस में क्या-क्या होता है कवर?
विमान हादसों में एयरलाइन कंपनियां आमतौर पर एयरक्राफ्ट हुल इंश्योरेंस, स्पेयर पार्ट्स इंश्योरेंस, और लीगल लायबिलिटी यानी कानूनी जिम्मेदारी के लिए इंश्योरेंस लेती हैं. इस मामले में एयर इंडिया की ओर से लिया गया इंश्योरेंस (Air India crash insurance claim) दोनों हिस्सों में क्लेम ट्रिगर करेगा यानी विमान की पूरी क्षति और यात्रियों की मौत दोनों कवर में आएंगे.
विमान हादसों में इंश्योरेंस क्लेम कैसे होता है तय?
GIC Re के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रमास्वामी नारायणन,ने बताया कि ऐसे हादसों में एयरक्राफ्ट का डिक्लेयर्स वैल्यू इंश्योरेंस कंपनी को बताना होता है और उसी आधार पर नुकसान का आकलन किया जाता है.
हादसे में शामिल एयरक्राफेट (VT-ABN) 2013 मॉडल का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था, जिसकी इंश्योरेंस वैल्यू 2021 में लगभग 115 मिलियन डॉलर थी. हालांकि, इस क्लास के विमान की वैल्यू आज की तारीख में 211 से 280 मिलियन डॉलर के बीच मानी जाती है, जो उसके कंफिगरेशन और उम्र पर निर्भर करता है.
वॉर और आतंकी हमले के इंश्योरेंस कवर का भी असर
Howden India के CEO अमित अग्रवाल के मुताबिक, एयरलाइंस कंपनियां अक्सर एक एडिशनल इंश्योरेंस कवर भी लेती हैं जिसे हुल वॉर रिस्क कवर कहा जाता है. अगर किसी हादसे की वजह आतंकवादी हमला या युद्ध जैसे हालात हैं, तो वह इंश्योरेंस भी ट्रिगर हो सकता है. हालांकि, इस केस में ऐसी पुष्टि नहीं हुई है.
इंश्योरेंस कंपनियों और रीइंश्योरेंस कंपनियों पर दबाव
इस हादसे में सबसे बड़ा इंश्योरेंस क्लेम यात्रियों और थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान से जुड़ेगा. विमान रिहायशी इलाके में गिरा, जिससे थर्ड को भी नुकसान हुआ है. इनसे जुड़े क्लेम आमतौर पर कई इंश्योरेंस कंपनियों और रीइंश्योरेंस कंपनियों के बीच बांटे जाते हैं.
यात्रियों के परिवारों को मिलने वाले मुआवजे का कैलकुलेशन
इस हादसे में मारे गए यात्रियों के परिवारों को मिलने वाले मुआवजे का कैलकुलेशन Montreal Convention 1999 के तहत की जाएगी, जिसमें भारत 2009 में शामिल हुआ था. इसके तहत एक व्यक्ति के लिए 128,821 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) तक का मुआवजा तय हो सकता है, जो अक्टूबर 2024 तक के रेट के हिसाब से करीब 1.33 डॉलर प्रति SDR है.
टाटा ग्रुप ने किया मुआवजे का ऐलान
टाटा ग्रुप ने हादसे में जान गंवाने वाले हर यात्री के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है. चूंकि एयर इंडिया अब टाटा ग्रुप का हिस्सा है, इसलिए यह अंतरिम राहत ग्रुप की ओर से दी गई है, जबकि फाइनल क्लेम इंश्योरेंस के नियमों के अनुसार तय होगा.
इंश्योरेंस सेक्टर और इंडस्ट्री पर क्या असर
इंश्योरेंस इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक, यह हादसा भारत में एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर के लिए एक टर्निंग पॉइंट बन सकता है. भारत में एविएशन इंश्योरेंस मार्केट करीब 900 करोड़ रुपये का है. हालांकि, बड़े नुकसान आमतौर पर रीइंश्योर्ड होते हैं, फिर भी इस हादसे से भविष्य में एविएशन इंश्योरेंस प्रीमियम की दरों में इजाफा हो सकता है.
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