- पीएम मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म दिवाली तक लागू करने की घोषणा की
- केंद्र ने जीएसटी परिषद को केवल दो स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भेजा है
- 12% स्लैब की अधिकांश वस्तुएं 5% स्लैब में और 28% की वस्तुएं 18% में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव
पीएम मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से जीएसटी को लेकर बड़े ऐलान किए. पीएम ने बताया कि दिवाली तक जीएसटी में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म किए जाएंगे, जिसके बाद देशवासियों के लिए टैक्स की दरें काफी हद तक कम हो जाएंगी. सरकारी सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद ही केंद्र ने जीएसटी परिषद के मंत्रिसमूह को प्रस्ताव दिया है कि जीएसटी के केवल दो स्लैब होने चाहिए, 5% और 18%.
प्रस्ताव की खास बातें:
- मौजूदा 12% जीएसटी स्लैब की 99% वस्तुएं 5% स्लैब में स्थानांतरित हो जाएंगी: सरकारी सूत्र
- 28% स्लैब की लगभग 90% वस्तुएं 18 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित हो जाएंगी: सरकारी सूत्र
- केंद्र ने संशोधित जीएसटी व्यवस्था के तहत 5% और 18% दरों का प्रस्ताव रखा
- सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी सुधार से उपभोग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा, जिससे राजस्व नुकसान की भरपाई हो जाएगी
- आम आदमी की वस्तुओं और दैनिक उपयोग के उत्पादों पर संशोधित जीएसटी व्यवस्था में 5 प्रतिशत कर लगेगा: सरकारी सूत्र
- संशोधित व्यवस्था में तंबाकू उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा. अभी पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी व्यवस्था से बाहर रहेंगे: सूत्र
सोर्स के अनुसार वित्त मंत्रालय के आँकड़े दर्शाते हैं कि:
- कुल जीएसटी राजस्व का 67% 18% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से
- कुल जीएसटी राजस्व का 11% 28% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से
- कुल जीएसटी राजस्व का 5% 12% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से
- कुल जीएसटी राजस्व का 7% 5% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से
जीएसटी परिषद के मंत्रिसमूह (जीओएम) को 12% जीएसटी स्लैब और 28% जीएसटी स्लैब को हटाने का वित्त मंत्रालय का प्रस्ताव इन आंकड़ों से सामने आया है.
ट्रांसफर की दी सलाह
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साथ ही कहा है कि 28% जीएसटी स्लैब में शामिल 90% वस्तुओं को 18% जीएसटी स्लैब में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए. इसके अलावा 12% जीएसटी स्लैब में शामिल 99% वस्तुओं को 5% जीएसटी स्लैब में ट्रांसफर करने का सुझाव दिया है. हालांकि केंद्र ने कहा है कि केवल हानिकारक वस्तुओं जैसे, गुटखा, पान मसाला आदि जैसे तंबाकू उत्पादों के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया जाए.
साथ ही केंद्र ने कहा है कि रेफ्रिजरेटर, एसी, वॉशिंग मशीन जैसी मशीनों को 40% श्रेणी में नहीं रखा जाए. सिर्फ 5 से 7 वस्तुओं को 40% जीएसटी श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
महंगाई में दिख सकती है कमी
अगर जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में यह प्रस्ताव परवान चढ़ता है तो आम आदमी के लिए बड़ी राहत होगी. घरेलू इस्तेमाल की चीजें जैसे खान-पान के सामान पर जीएसटी घटता है तो महंगाई में कमी आ सकती है. सरकार का टारगेट है कि जल्द ही इन बदलावों को पूरा किया जाए, जिससे चालू वित्तीय वर्ष के भीतर इनका फायदा देश को मिले. साथ ही मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी "एक सरल, स्थिर और पारदर्शी कर प्रणाली" के रूप में विकसित होता रहेगा, जिससे देश में समावेशी विकास होता रहे.