Union Budget 2022: आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी केंद्रीय बजट. (फाइल फोटो)
Budget 2022: देश के लिए आज मंगलवार यानी 1 फरवरी, 2022 का दिन काफी खास है. आज केंद्र सरकार देश का आम बजट पेश कर रही है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा (2019 के जुलाई में पेश किए गए पूरक बजट से लेकर 2020, 2021 और फिर ये 2022 का) आम बजट है. वहीं, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री अपना चौथा बजट पेश कर रही हैं. कोविड-19 महामारी के शुरू होने के दो सालों के बाद भी घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के सामने अब भी इससे पूरी तरह उबरने की चुनौती है. इस बजट से भी अपेक्षाएं हैं कि ये अर्थव्यस्था को पूरी तरह स्थिर करने के लिए प्रोत्साहन देने वाला होगा, साथ ही आर्थिक वृद्धि को भी समर्थन देगा. सरकार के सामने महामारी से प्रभावित सेक्टरों को समर्थन जारी रखने और रोजगार पैदा करने के अवसर पैदा करने की चुनौतियां होंगी.
- सोमवार को पेश किए इकॉनमिक सर्वे में सरकार ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियां महामारी के पूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं. ऐसे में सरकार इस बजट में अपना फोकस आर्थिक मोर्चे पर गति को इससे भी ऊपर ले जाने का लक्ष्य रख सकती है.
- सरकार का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाना है, ऐसे में सरकार अभी बड़े स्तर खर्चा करने को लेकर उदारता दिखा सकती है. इसके लिए रोजगार और निवेश को बढ़ाने के लिए कदम उठाने होंगे.
- एक अहम पहलू इस महीने देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में इस महीने विधानसभा चुनावों के लिए मतदान होने हैं. ऐसे में माना जा सकता है कि सरकार इन राज्यों के लिए खास योजनाओं और फंडिंग से जुड़ी घोषणाएं भी कर सकती है.
- अगर इनकम टैक्स के पक्ष पर नजर डालें तो ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि सरकार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव कर सकती है. हालांकि, ये उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि बढ़ती महंगाई के बीच सरकार टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख पर कर दे.
- सरकार का जोर इस बार भी इंफ्रा पर प्रमुख रूप से रह सकता है. संभावना जताई जा रही है कि सरकार इस बार भी रोड, रेलवे और जलमार्ग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर कई बड़ी योजनाओं की घोषणा कर सकती है.
- वहीं, अगर अपेक्षाओं की बात करें तो उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ ने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं में सृजित रोजगार के आधार पर प्रोत्साहन की अतिरिक्त दरें भी जोड़ी जानी चाहिए. सीआईआई ने सुझाव दिया है कि अधिक संख्या में रोजगार देने वाले चमड़ा एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों को निवेश आकर्षित करने और नए रोजगार पैदा करने के लिए प्रोत्साहन योजना के दायरे में लाया जाना चाहिए.
- सीआईआई ने कई अन्य ऐसे कदमों की भी अनुशंसा की है जिनसे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेय कोविड-19 महामारी की मार सभी आय वर्गों पर पड़ने से बजट में रोजगार-सृजन वाले क्षेत्रों पर ध्यान देना जरूरी है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए मनरेगा का बजट आवंटन बढ़ाने और आयकर अधिनियम की धारा 80JJAA के तहत आय सीमा को बढ़ाने की भी अनुशंसा की गई है.
- बता दें कि इकॉनमिक सर्वे में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. वहीं, अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले सुधार का संकेत है. इसका मतलब है कि वास्तविक आर्थिक उत्पादन का स्तर 2019-20 के कोविड-पूर्व स्तर को पार कर जाएगा.
- 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आएगा, मॉनसून सामान्य रहेगा, कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान इस दौरान लगातार कम होंगे.
- आर्थिक समीक्षा पर उद्योग जगत का कहना है कि 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान ‘आशावादी' है और केंद्रीय बजट में अर्थव्यवस्था में नई जान डालने के लिये राजकोषीय प्रबंधन तथा सुधारों को आगे बढ़ाये जाने पर जोर दिये जाने की उम्मीद है.