यश चोपड़ा की 85वीं जयंती.
नई दिल्ली:
'किंग ऑफ रोमांस' के नाम से मशहूर फिल्ममेकर यश चोपड़ा ने 'दीवार', 'कभी कभी', 'डर', 'चांदनी', 'सिलसिला', 'दिल तो पागल है', 'वीर जारा' जैसी कई बेहतरीन और रोमांटिक फिल्में बनाकर पर्दे पर रोमांस और प्यार को नए मायने दिए हैं. यश चोपड़ा द्वारा स्थापित किए गए यश राज प्रोडक्शन्स के तले कई सुपरहिट फिल्मों का निर्माण हुआ. उनके बड़े बेटे आदित्य चोपड़ा फिल्ममेकिंग से जुड़े जबकि यश चोपड़ा ने अपने छोटे बेटे उदय को भी फिल्मों में उतारा. लेकिन उदय अपने पिता का स्टारडम बरकरार रखने में नाकामयाब रहें!
पढ़ें: अमिताभ-जया और रेखा की असल जिंदगी को पर्दे पर उतर बैठे थे यश चोपड़ा
उदय ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 'मोहब्बतें' से की थी. इसके बाद कुछ और फिल्मों में काम किया, लेकिन वे अपनी पहचान नहीं बना पाए. उनके पिता यश चोपड़ा नामी डायरेक्टर थे, लेकिन उदय बॉलीवुड में फ्लॉप रहे. उन्होंने 'मेरे यार की शादी है', 'मुझसे दोस्ती करोगे', 'नील एंड निक्की', 'सुपारी', 'प्यार इम्पॉसिबल' और 'धूम' सीरीज की तीनों फिल्मों में काम किया. फिलहाल, वे बतौर प्रोड्यूसर इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं.
जायद खान: अपने दौर के हैंडसम एक्टर संजय खान के बेटे जायद खान ने 2003 में फिल्म 'चुरा लिया है तुमने' के जरिए अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. उनकी कोई भी फिल्म बॉक्सऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाई.
लव सिन्हा: शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी बॉलीवुड में अपने कदम जमाने में कामयाब रहीं, लेकिन उनके बेटों का जादू नहीं चल पाया. लव सिन्हा का करियर पहली फिल्म सदियां (2010) के बाद ही ठहर गया.
हरमन बावेजा: फिल्ममेकर हैरी बावेजा के बेटे हरमन बावेजा ने 2008 में फिल्म 'लव स्टोरी 50-50' के जरिए बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने में नाकामयाब रहे. इसके बाद वे 'व्हाट्स योर राशि', 'विक्ट्री' और 'ढिश्कियायूं' जैसी फ्लॉप फिल्मों में दिखे.
राहुल खन्ना: विनोद खन्ना के छोटे बेटे राहुल खन्ना बॉलीवुड में लीड रोल निभाने की बजाय मेहमान भूमिका में नजर आईं. 1999 में फिल्म 'अर्थ' से अपने करियर का आगाज करने वाले राहुल ने एक भी ऐसी फिल्म नहीं की, जिसके लिए उन्हें याद किया जाए.
जैकी भगनानी: प्रोड्यूसर वासु भगनानी के बेटे जैकी ने 2009 में फिल्म 'कल किसने देखा' से इंडस्ट्री में कदम रखा. इसके बाद वे 'फालतू', 'वैलकम टू कराची' और 'यंगिस्तान' जैसी फिल्मों में नजर आए, लेकिन दर्शकों पर अपना जादू नहीं चला पाए.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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उदय ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 'मोहब्बतें' से की थी. इसके बाद कुछ और फिल्मों में काम किया, लेकिन वे अपनी पहचान नहीं बना पाए. उनके पिता यश चोपड़ा नामी डायरेक्टर थे, लेकिन उदय बॉलीवुड में फ्लॉप रहे. उन्होंने 'मेरे यार की शादी है', 'मुझसे दोस्ती करोगे', 'नील एंड निक्की', 'सुपारी', 'प्यार इम्पॉसिबल' और 'धूम' सीरीज की तीनों फिल्मों में काम किया. फिलहाल, वे बतौर प्रोड्यूसर इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं.
जायद खान: अपने दौर के हैंडसम एक्टर संजय खान के बेटे जायद खान ने 2003 में फिल्म 'चुरा लिया है तुमने' के जरिए अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. उनकी कोई भी फिल्म बॉक्सऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाई.
लव सिन्हा: शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी बॉलीवुड में अपने कदम जमाने में कामयाब रहीं, लेकिन उनके बेटों का जादू नहीं चल पाया. लव सिन्हा का करियर पहली फिल्म सदियां (2010) के बाद ही ठहर गया.
हरमन बावेजा: फिल्ममेकर हैरी बावेजा के बेटे हरमन बावेजा ने 2008 में फिल्म 'लव स्टोरी 50-50' के जरिए बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ने में नाकामयाब रहे. इसके बाद वे 'व्हाट्स योर राशि', 'विक्ट्री' और 'ढिश्कियायूं' जैसी फ्लॉप फिल्मों में दिखे.
— Fardeen Feroz Khan (@FardeenFKhan) June 19, 2016फरदीन खान: फिरोज खान के बेटे फरदीन ने फिल्म प्रेम अगन (1998) से बॉलीवुड पारी की शुरुआत की. शुरुआत से ही उनके करियर ने वो रफ्तार नहीं पकड़ी, जिसकी उनसे उम्मीद थी.
राहुल खन्ना: विनोद खन्ना के छोटे बेटे राहुल खन्ना बॉलीवुड में लीड रोल निभाने की बजाय मेहमान भूमिका में नजर आईं. 1999 में फिल्म 'अर्थ' से अपने करियर का आगाज करने वाले राहुल ने एक भी ऐसी फिल्म नहीं की, जिसके लिए उन्हें याद किया जाए.
जैकी भगनानी: प्रोड्यूसर वासु भगनानी के बेटे जैकी ने 2009 में फिल्म 'कल किसने देखा' से इंडस्ट्री में कदम रखा. इसके बाद वे 'फालतू', 'वैलकम टू कराची' और 'यंगिस्तान' जैसी फिल्मों में नजर आए, लेकिन दर्शकों पर अपना जादू नहीं चला पाए.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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