
अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस की, थोड़ी बड़ी हुई तो फिल्मों में बहन का किरदार मिलने लगा. इसके बाद एक हीरो ने फिल्म में इनकी परफॉरमेंस से इम्प्रेस होकर लीड किरदार ऑफर किया. इस ऑफर के बाद ऐसी पलटी किस्मत कि 60 के दशक में सबको पीछे छोड़ बन गई बॉलीवुड की सबसे मशहूर एक्ट्रेस. इतना ही नहीं ये एक्ट्रेस वहीदा रहमान (Wahida Rahman) की करीबी दोस्त भी थीं. बताया जाता है कि दोनों एक दूसरे के साथ बाहर घूमने-फिरने जाया करते थे.
हम बात कर रहे हैं 60 से लेकर 70 के दशक की सबसे ज्यादा कमाने वाली एक्ट्रेस नंदा की, जिन्होंने महज 5 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. उनकी पहली फिल्म 1948 में आई मंदिर थी. इससे इंडस्ट्री में उन्हें 'बेबी नंदा' के नाम से जाना जाने लगा. बड़ी हुईं तो शांताराम वणकुद्रे ने उन्हें एक शादी के इवेंट में साड़ी पहने देखा तो फिल्म तूफान और दिया (1956) ऑफर कर दी. इस फिल्म में नंदा चाइल्ड एक्ट्रेस नहीं बल्कि हीरो की बहन किरदार के लिए कास्ट की गई थीं. इसके बाद नंदा को और भी सपोर्टिंग एक्ट्रेस के ऑफर्स आने लगे.
फिल्म काला पत्थर में नंदा हीरो की बहन के किरदार में नजर आईं थी, जहां फिल्म के हीरो देव आनंद और हीरोइन वहीदा रहमान को नंदा की परफॉरमेंस बहुत पसंद आई थी. शूटिंग के बाद वाहिदा रहमान और नंदा दोस्त बन गए थे. कहा जाता है की दोनों बाहर एक साथ पानी पूरी खाने जाया करते थे. इसके अलावा काला बाजार फिल्म पूरी होने के बाद हीरो देव आनंद ने उन्हें अपनी अगली फिल्म में लीड एक्ट्रेस का रोल देने का वादा किया.
इसके बाद नंदा ने हम दोनों, चार दीवार, जब जब फूल खिले, गुमनाम और शोर जैसी सुपरहिट और यादगार फिल्मों में बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया और बन गई थीं 60-70 के समय में इंडस्ट्री की पॉपुलर और सबसे ज्यादा कमाने वाली एक्ट्रेस.
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