विज्ञापन

हर साल फिल्मफेयर जीतने की उम्मीद में सूट सिलवाता था ये सुपरस्टार, हाथ लगती थी मायूसी, बेटे ने डेब्यू फिल्म के लिए ही जीत लिया था ये अवॉर्ड

बॉलीवुड का ये सुपरस्टार हर साल एक के बाद एक धाकड़ फिल्म देता था. इसे लगता था कि इस बार तो पुरस्कार मिलेगा. लेकिन हाथ लगती थी तो सिर्फ निराशा. लेकिन इसके बेटे को पहली ही फिल्म के लिए ही मिल गया था पुरस्कार.

हर साल फिल्मफेयर जीतने की उम्मीद में सूट सिलवाता था ये सुपरस्टार, हाथ लगती थी मायूसी, बेटे ने डेब्यू फिल्म के लिए ही जीत लिया था ये अवॉर्ड
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार एक अवॉर्ड के लिए हमेशा रहा तरसता
नई दिल्ली:

हर एक्टर का ख्वाब होता है कि वह अपने बेहतरीन काम के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते. लेकिन बॉलीवुड का एक ऐसा सुपरस्टार भी रहा है जो हर साल एक के बाद एक बड़ी हिट फिल्म देता था. हर बार उसे लगता था कि उसे इस बार फिल्मफेयर (Filmfare) अवॉर्ड मिलेगा. यही सोचकर वो हर बार नया सूट सिलवाता था, लेकिन उसके हाथ लगती थी तो मायूसी. इस पर यह भी खास कि जब इस सुपरस्टार के बेटे ने बॉलीवुड में कदम रखा तो इसने अपनी पहली ही फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीत लिया था. यहां हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड सुपरस्टार धर्मेंद्र (Dharmendra) की. 

Latest and Breaking News on NDTV

धर्मेंद्र ने अपने दौर में ढेर सारी हिट फिल्में दी थीं. शोले, आंखें, प्रतिज्ञा, चुपके चुपके, मेरा गांव मेरा देश, सत्यकाम, लोफर, फूल और पत्थर, प्रतिज्ञा और जीवन मृत्यु जैसी शानदार फिल्मों से उन्होंने खूब नाम कमाया. लेकिन अपनी फिल्मों के लिए अवार्ड पाने के मामले में उनको हमेशा मायूसी ही मिली. धर्मेंद्र को हमेशा इस बात का अफसोस रहा कि इतनी सुपरहिट फिल्में देने के बावजूद उनको अवार्ड नहीं मिलते थे. इसी से जुड़ी कुछ बातें उन्होंने फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलने पर मंच पर कहीं.

Latest and Breaking News on NDTV

बॉलीवुड में शानदार काम और योगदान के लिए जब 1997 में धर्मेंद्र को फिल्म फेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया तो वो भावुक हो गए. ये अवार्ड उन्हें दिलीप कुमार और सायरा बानू ने दिया. उस वक्त इमोशनल होकर धर्मेंद्र ने कहा कि उन्हें इंडस्ट्री में काम करते हुए 37 साल हो गए लेकिन एक भी अवॉर्ड नहीं मिला. लेकिन आज जो अवॉर्ड उनको मिल रहा है वो सभी पुरस्कारों से बढ़कर है.

Latest and Breaking News on NDTV

धर्मेंद्र ने कहा कि उनको अवार्ड पाने का बड़ा शौक था. उनकी बड़ी चाहत थी कि उनकी फिल्मों के लिए उनको भी अवॉर्ड दिया जाए. वो हर साल तैयारी करते, नया सूट सिलवाते, मैचिंग करती टाई तैयार करते. लेकिन अवॉर्ड कभी नहीं आया. मेरा सिल्वर गोल्डन जुबली सब हुआ लेकिन अवॉर्ड कभी नहीं आया. उसके बाद मैंने हार मान ली. मैंने तय किया कि मैं फंक्शन अटेंड करने के लिए टी शर्ट और शॉर्ट्स में चला जाऊंगा. लेकिन आज इस ट्रॉफी को पाकर मैं बहुत खुश हूं. ये ट्रॉफी ही 15 अवार्ड के बराबर है. आपको बता दें कि 1960 में अपने करियर की पहली फिल्म करने वाले धर्मेंद्र  आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं. उनको हाल में आईं फिल्मों जैसे रॉकी और रानी की प्रेम कहानी, तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया आदि में देखा गया है. अगर बात उनके बेटे बॉबी देओल की करें तो उन्हें उनकी डेब्यू फिल्म बरसात के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com