
तमिल सिनेमा के सुनहरे दौर में अगर किसी ने रोमांस को सबसे खूबसूरत अंदाज में जिया, तो वो थे जेमिनी गणेशन. जिन्हें लोग प्यार से काधल मन्नन यानी रोमांस के राजा भी कहते थे. 17 नवंबर 1920 को जन्मे गणेशन ने अपनी मुस्कान और चार्म से करोड़ों दिलों को जीत लिया था. उस दौर में जहां शिवाजी गणेशन एक्टिंग के सम्राट थे और एम.जी.आर. जनता के हीरो माने जाते थे वहीं जेमिनी ने स्क्रीन पर प्यार को जिंदगी बना दिया. और, अपनी एक अलग ही पहचान बनाई. लेकिन फिल्मों जितनी रंगीन उनकी जिंदगी थी. उतने ही उतार-चढ़ाव भी उसमें मौजूद थे. खासकर उनकी बेटी और बॉलीवुड की सदाबहार एक्ट्रेस रेखा से जुड़ा रिश्ता. जो कभी पूरी तरह सुलझा नहीं रह सका.

पुदुकोट्टई के एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे रामास्वामी गणेशन का बचपन संघर्षों से भरा था. पिता के जल्दी गुजर जाने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. उस वक्त फिल्मों में ग्रेजुएट एक्टर होना बड़ी बात थी.गणेशन का सपना था डॉक्टर बनने का. लेकिन हालात ने करवट ली और वो पहुंच गए जेमिनी स्टूडियो में काम करने. वहीं से उनके नाम के आगे जेमिनी जुड़ा और फिर धीरे धीरे उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया.

1947 में उन्हें मिस मालिनी में छोटा रोल मिला. लेकिन असल स्टारडम मिला मनम पोला मंगल्यम (1953) से. इस फिल्म में उनके रोमांटिक अंदाज ने दर्शकों को उनका दीवाना बना दिया. इसी फिल्म से उन्हें काधल मन्नन का टाइटल भी मिला. जेमिनी की जिंदगी भी फिल्मों से कम फिल्मी नहीं रही थी. स्क्रीन पर वो हर लड़की के दिल की धड़कन बने. और असल जिंदगी में भी उन्होंने कई रिश्ते निभाए.

फिल्मों के सेट पर उनकी मुलाकात हुई साउथ की सुपरस्टार सावित्री से. दोनों के बीच प्यार हुआ, शादी हुई. और उनकी जोड़ी ने साथ में कई हिट फिल्में दीं. हालांकि ये रिश्ता उतना ही तूफानी साबित हुआ जितना खूबसूरत था.पुष्पावली से भी उनके रिश्ते रहे. रेखा जेमिनी गणेशन और पुष्पावली की ही बेटी हैं. रेखा ने जब बॉलीवुड में कदम रखा. तभी दुनिया को पता चला कि वो जेमिनी गणेशन की बेटी हैं. जेमिनी ने उन्हें बचपन में कभी स्वीकार नहीं किया. रेखा ने कई बार कहा भी है कि पिता का न मिलना उनके जीवन की सबसे बड़ी कमी रही.
मिसियम्मा, कालयाना परिसु, कर्पागम, थेन नीलवु जैसी फिल्मों में उन्होंने प्यार को बड़े ही सादगी भरे अंदाज में पेश किया. जहां बाकी हीरो तलवार लेकर लड़ते थे, जेमिनी सिर्फ अपनी मुस्कान से दिल जीत लेते थे. अपने दौर के बाकी सितारों की तरह उन्होंने कभी राजनीति में कदम नहीं रखा. न कोई प्रचार, न फैन क्लब की राजनीति की. बस अपनी एक्टिंग से ही अमिट पहचान बनाई.
पहली पत्नी अलमेलु के साथ उन्होंने जिंदगी की शुरुआत की. उसके बाद सावित्री, पुष्पावली और बाद में कई रिश्ते जुड़ते चले गए. वो कुल आठ बच्चों के पिता बने. जिनमें से तीन डॉक्टर, एक जर्नलिस्ट और एक रेखा जैसी सुपरस्टार निकलीं.
22 मार्च 2005 को जेमिनी गणेशन ने दुनिया को अलविदा कहा. उनके अंतिम संस्कार में कई बड़े लोग शामिल हुए लेकिन रेखा नहीं आईं. जिंदगी भर जो दूरियां रहीं. वो मरने के बाद भी नहीं मिटीं.
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