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This Article is From Aug 31, 2020

PM Modi की Mann Ki Baat पर 3 लाख से ज्यादा डिसलाइक्स, Local खिलौनों के लिए Vocal होने की करी थी अपील

पीएम मोदी (PM Modi) के मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम को जहां 36 हजार लाइक्स मिले हैं तो वहीं इसे करीब 3 लाख से ज्यादा डिसलाइक्स भी मिले हैं.

PM Modi की Mann Ki Baat पर 3 लाख से ज्यादा डिसलाइक्स, Local खिलौनों के लिए Vocal होने की करी थी अपील
पीएम मोदी (PM Modi) के 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम पर आए 3 लाख से ज्यादा डिसलाइक्स
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीते दिन मन की बात (Mann Ki Baat) रेडियो कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम से जुड़ा यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ है, जिसे अब तक 11 लाख से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है. लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि मन की बात कार्यक्रम को जहां 36 हजार लाइक्स मिले हैं तो वहीं इसे करीब 3 लाख से ज्यादा डिसलाइक्स भी मिले हैं. इतना ही नहीं, सोशल मीडिया यूजर ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) के मन की बात कार्यक्रम पर कमेंट्स के जरिए आक्रोश भी जताया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम पर कई सोशल मीडिया यूजर ने जहां नीट और जेईई परीक्षा को लेकर बात रखी तो वहीं कई यूजर ने रोजगार से जुड़े मुद्दे कमेंट सेक्शन में उठाए. एक सोशल मीडिया यूजर ने मन की बात कार्यक्रम पर कमेंट करते हुए लिखा, "हम नीट और जेईई की परीक्षा पर बात करना चाहते थे, लेकिन आप खिलौनों के बारे में बात कर रहे हैं..." वहीं, एक यूजर ने इसपर कमेंट करते हुए लिखा, "आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी, आपको बेरोजगारी के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए थे. आखिर में यही भारत की सबसे बड़ी समस्या है..."

बता दें की पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीते दिन 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने की लोगों से अपील की थी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को गणेश चतुर्थी और ओणम जैसे त्योहारों के लिए बधाइयां भी दी थीं. पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था, "अब सभी के लिये Local खिलौनों के लिये Vocal होने का समय है. आइए, हम अपने युवाओं के लिये कुछ नए प्रकार के, अच्छी quality वाले, खिलौने बनाते हैं. खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी. हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों. हमारे देश में इतने ideas हैं, इतने concepts हैं, बहुत समृद्ध हमारा इतिहास रहा है. क्या हम उन पर games बना सकते हैं. मैं देश के युवा talent से कहता हूँ, आप, भारत में भी games बनाइये, और, भारत के भी games बनाइये."

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