नालंदा नृत्य कला महाविद्यालय मुंबई की प्राचार्य डॉ. उमा रेले को प्रतिष्ठित महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उन्हें भारतीय शास्त्रीय नृत्य, विशेष रूप से भरतनाट्यम के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए महाराष्ट्र के औद्योगिक मंत्री उदय सावंत और मंत्री दीपक वसंत केसरकर ने प्रदान किया.
डॉ. उमा रेले ने अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में बीए ऑनर्स करने के बाद भरतनाट्यम के लिए नालंदा नृत्य कला महाविद्यालय की ओर कदम बढ़ाया. वहां उन्होंने पीजी किया. 2001 में उन्होंने 'नायिकाएं, भारतीय शास्त्रीय नृत्य की हिरोइन' पर डॉक्टरेट की. डॉ. उमा रेले ने भारत और विदेश में कई छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया है. दोहा, मॉरीशस और अमेरिका सहित विभिन्न देशों में उन्होंने कार्यशालाएं आयोजित की हैं. उमा रेले ने खजुराहो नृत्य महोत्सव और राजगीर महोत्सव जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी मंडली के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है.
डॉ. उमा रेले का मानना है कि शास्त्रीय नृत्य में महारत उचित प्रशिक्षण और वास्तविक रुचि के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है. वह शास्त्रीय नृत्य को आज की पीढ़ी पर थोपने के बजाय उसके प्रति जुनून पैदा करने के महत्व पर जोर देती हैं. वह महत्वाकांक्षी नर्तकियों को समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. नालंदा नृत्य कला महाविद्यालय में शैक्षणिक पाठ्यक्रम में नए सुधारों के तौर पर डॉ. उमा ने मुंबई विश्वविद्यालय स्तर पर भारतीय शास्त्रीय नृत्य को अन्य शैक्षणिक विषयों के समान स्तर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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