Class of '83 Review: नेटफ्लिक्स फिल्म 'क्लास ऑफ '83 (Class of '83)' रिलीज हो गई है. बॉबी देओल (Bobby Deol) पुलिस अफसर के किरदार में हैं, लेकिन यह पुलिस अफसर मारधाड़ वाला नहीं बल्कि दिमाग से शातिर चालें चलने वाला है. जो सिस्टम के हाथों हताश हैं और अंडरवर्ल्ड के लोगों का सफाया करना चाहता है. 'क्लास ऑफ '83 (Class of '83)' की कहानी इसी नाम से हुसैन जैदी के उपन्यास पर आधारित है. फिल्म को रेड चिलीज ने प्रोड्यूस किया है. इस तरह यह फिल्म एकदम नए तरह की कहानी दर्शकों के सामने पेश करती है, जो पुलिस और अपराध की दुनिया को लेकर गढ़ी गई है.
'क्लास ऑफ '83 (Class of '83)' की कहानी विजय सिंह (बॉबी देओल) की है. जिसे पनिशमेंट पोस्टिंग के तहत पुलिस एकेडमी के डीन के तौर पर भेजा गया है. जहां वह अपने सख्तमिजाज की वजह से कुख्यात है. वहीं उसकी नजर पांच कैडेट पर पड़ती है और उसमें उम्मीद जगती है कि वह अपने अधूरे पड़े मिशन को पूरा कर सकता है. इस तरह फिल्म की कहानी एक नया मोड़ लेती है, और अनोखे अंदाज में बदला लेने का ड्रामा शुरू होता है. फिल्म दिलचस्पी जगाती है, लेकिन कई जगह इसकी गति थोड़ा तंग करती है और खींची हुई लगती है.
'क्लास ऑफ '83 (Class of '83)' में बॉबी देओल (Bobby Deol) ने विजय सिंह के किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है और अनूप सोनी भी नेता के किरदार में जमे हैं. उनके कैडेट के तौर पर नजर आए हितेश भोजराज, भूपेंद्र जादावत और समीर परांजपे ने भी अच्छा काम किया है. फिल्म में 1980 के दशक के मुंबई और उसकी अपराध की दुनिया को दिखाया गया है. बॉबी देओल की अच्छी कोशिश है यह फिल्म लेकिन डायरेक्शन और कहानी का उन्हें भरपूर साथ नहीं मिल पाता है.
रेटिंगः 3/5
डायरेक्टरः अतुल सभरवाल
कलाकारः बॉबी देओल, अनूप सोनी, जॉय सेन गुप्ता, विश्वजीत प्रधान, हितेश भोजराज, भूपेंद्र जादावत और समीर परांजपे
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