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This Article is From Jun 04, 2020

'चोक्ड' के बारे में बात करते हुए अनुराग कश्यप ने किया खुलासा, बोले- पहले मैं नोटबंदी से बहुत खुश था लेकिन...

अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने नोटबंदी (Demonetization) पर अपनी राय पेश करते हुए कहा, 'जब नोटबंदी की गई तो मैंने ट्विटर पर लिखा था कि यह बहुत अच्छा हुआ...'

'चोक्ड' के बारे में बात करते हुए अनुराग कश्यप ने किया खुलासा, बोले- पहले मैं नोटबंदी से बहुत खुश था लेकिन...
अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने नोटबंदी को लेकर पेश की राय
नई दिल्‍ली:

बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) की नेटफ्लिक्स पर आने वाली फिल्म 'चोक्ड (Choked)' को रिलीज होने में अब बस कुछ ही वक्त बचा है. अनुराग कश्यप की 'चोक्ड: पैसा बोलता है' ने अपने ट्रेलर से सबका खूब दिल जीता था. फिल्म में सयामी खेर मुख्य भूमिका निभाती नजर आ रही हैं, जो बैंक में काम करती हैं. अनुराग कश्यप की इस फिल्म में नोटबंदी का भी जिक्र किया गया है, साथ ही दिखाया गया है कि कैसे नोटबंदी से लोगों की जिंदगी बदल जाती है. इस फिल्म को लेकर अनुराग कश्यप ने NDTV से बातचीत की, जिसमें उन्होंने फिल्म से संबंधित कई खास बातें बताईं. साथ ही नोटबंदी (Demonetization) को लेकर भी अपनी राय पेश की.

अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने 'चोक्ड' (Choked) के बारे में बताते हुए कहा कि यह फिल्म नोटबंदी (Demonetization) के आसपास बुनी हुई है, लेकिन जो इसमें दर्द है वो अलग कहानी बन जाती है. चोक्ड की कहानी नोटबंदी से पहले लिखी गई थी, जिसमें एक परिवार की कहानी बताई गई है. लेकिन स्क्रिप्ट लिखने के बाद नोटबंदी हुई थी, जिससे पूरी कहानी बदल गई. लेकिन इसका मूल हमेशा शादी, सरीता और सुशांत के सफर के बारे में ही था.

जब अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) से पूछा गया कि वह क्या वजह थी, जिसे लेकर आपको लगा कि नोटबंदी (Demonetization) को फिल्म में शामिल करना चाहिए. इस पर डायरेक्टर ने कहा, "फिल्म को क्रॉनिकल करना. मेरी सारी ही फिल्में ऐसी रही हैं. अगर यह फिल्म 2015 में बनती तो इसमें नोटबंदी नहीं होती. लेकिन इस फिल्म में 2016 को दिखाया गया है, जहां एक महिला को पैसे मिल रहे हैं. ऐसे में अगर इसमें नोटबंदी नहीं होती मुझे नहीं लगता कि यह सही चीज होती."

अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने नोटबंदी (Demonetization) पर अपनी राय पेश करते हुए कहा, 'जब नोटबंदी की गई तो मैंने ट्विटर पर लिखा था कि यह बहुत अच्छा हुआ. सरकार ने अच्छा कदम उठाया है, क्योंकि मुझे लगा कि इससे शायद ब्लैकमनी वापस आएगा. लेकिन मेरे अर्थशास्त्री दोस्तों ने समझाया कि यह सोच-समझकर लिया गया निर्णय नहीं है. फिर धीरे-धीरे लगा कि यह बहुत आवेश में आकर लिया गया निर्णय है और यह हमारी सरकार की खास बात है कि वह सारी चीजें बहुत आवेश में आकर करती है. वे ज्यादा सोचते नहीं है इन सब चीजों के बारे में. हमारी अर्थव्यवस्था का असली पतन वहीं से शुरू हुआ है.' नेटफ्लिक्स पर 'चोक्ड' 5 जून को रिलीज होने जा रही है. 

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