
हिंदी सिनेमा के इतिहास में कुछ फिल्में ऐसी हैं, जो न केवल अपने समय में धूम मचा चुकी हैं, बल्कि दशकों बाद भी अपनी छाप छोड़ रही हैं. ऐसी ही एक फिल्म है शहंशाह. जिसने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया, बल्कि एडवांस बुकिंग और वीडियो कैसेट की दुनिया में भी रिकॉर्ड कायम किए. इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन की जबरदस्त वापसी को भी इतिहास बना दिया. शहंशाह की रिलीज की तारीख 12 फरवरी, 1988 तय की गई थी, लेकिन अमिताभ बच्चन के फैंस का उत्साह ऐसा था कि सिनेमाघरों में टिकटों की मांग को देखते हुए इसे एक दिन पहले रिलीज करना पड़ा. इस फिल्म की एडवांस बुकिंग ने वह कमाल किया, जो हिंदी सिनेमा में पहले कभी नहीं हुआ था.
रिलीज से दो हफ्ते पहले यानी 1 फरवरी तक, शहंशाह के देशभर के सभी सिनेमाघरों के टिकट बिक चुके थे. ब्लैक मार्केट में टिकटों की बिक्री ने लाखों रुपये की कमाई की, जो उस समय अपने आप में एक रिकॉर्ड था. यह उत्साह अमिताभ बच्चन की सुपरस्टार छवि और उनकी फिल्मों के प्रति दीवानगी का प्रतीक था.
अमिताभ बच्चन की शहंशाह 1.50 करोड़ रुपये के बजट में बनी ने बॉक्स ऑफिस पर 12 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया, जो उस दौर में एक बड़ी उपलब्धि थी. फिल्म डायलॉग जैसे रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं आज भी लोगों की जुबान पर हैं. शहंशाह फिल्म की एक और खासियत थी कि यह भारत की पहली फिल्म थी, जिसे इसकी लंबी अवधि के कारण दो वीडियो कैसेट में रिलीज किया गया. उस समय वीडियो कैसेट का चलन नया था, और इस तरह का प्रयोग अपने आप में एकदम नया था.
अमिताभ बच्चन की शहंशाह ना सिर्फ सिनेमाघरों में, बल्कि घरेलू मनोरंजन के क्षेत्र में भी एक मील का पत्थर साबित हुई. फिल्म में अमिताभ बच्चन का मेटल आर्म प्रॉप भी चर्चा का विषय रहा. यह प्रॉप 14 किलो से ज्यादा भारी था, और इसे पहनना अमिताभ के लिए आसान नहीं था.
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