फार्मास्युटिकल साइंस में हैं करियर के ढेरों विकल्प

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Govind Narayan Singh

फार्मास्युटिकल साइंस तरक्की करने और लगातार बदलने वाला क्षेत्र है, जिसमें दवाओं व इलाज का अध्ययन, विकास और विनियमन शामिल है. हेल्थकेयर को बेहतर बनाने और इलाज को बेहतर बनाने के लिए जो लोग प्रतिबद्ध हैं, उनके लिए फार्मास्युटिकल साइंस में नौकरी के अपार अवसर हैं. आइए, फार्मास्युटिकल साइंस में करियर के विभिन्न विकल्पों पर एक नज़र डालें और जानें कि वे आगे कहां जाते हैं व उनमें तरक्की करने की कैसी संभावनाएं हैं.

फार्मा रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी)

भूमिका व जिम्मेदारियां : आरएंडडी से हर वह चीज संभव है, जो नई दवाएं बनाने और आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है. रिसर्च एंड डेवलपमेंट साइंटिस्ट जांच और डेटा की व्याख्या से लेकर नई दवाओं के विकास तक सबसे आगे रहते हैं और उच्च गुणवत्ता वाली नई दवाएं तैयार करने में अन्य शोधकर्ताओं व वैज्ञानिकों के साथ सबसे आगे रहते हैं.

संभावित करियर

  • मेडिसिनल केमिस्ट : नए फार्मास्युटिकल कम्पाउंड के डिजाइन और सिंथेसाइजिंग की प्रक्रिया में बड़ी भूमिका.
  • फार्माकोलॉजिस्ट : दवाओं का जैविक प्रणालियों पर क्या असर पड़ता है, इसका अध्ययन करते हैं.
  • क्लिनिकल रिसर्च साइंटिस्ट : नई दवाओं की सुरक्षा और असर का अध्ययन करने के लिए क्लिनिकल ट्रायल करते हैं.
  • तरक्की की संभावनाएं : इसमें लोग आरएंडडी स्टाफ साइंटिस्ट से लेकर रिसर्च एंड डेवलपमेंट मैनेजर तक बन सकते हैं.

विनियमन से जुड़े मामले

भूमिका व जिम्मेदारियां : रेगुलेटरी अफेयर स्पेशलिस्ट्स को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि वे रेगुलेटरी अथॉरिटीज द्वारा तय शर्तों को पूरा करते हों. वे रेगुलेटरी पेपर्स तैयार करने और जमा करने, प्रोडक्ट्स की मंजूरी और उनसे संबंधित अनुपालन जैसे कागजी काम निपटाते हैं.

संभावित करियर

  • रेगुलेटरी अफेयर्स स्पेशलिस्ट : रेगुलेटरी डॉक्यूमेंट तैयार करने और विभिन्न एजेंसियों के साथ रेगुलेटरी मामलों के को-ऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी होती है.
  • कम्प्लायंस ऑफिसर : इस बात की देखरेख करते हैं कि कंपनी के काम करने के तरीके निर्धारित कानूनों के हिसाब से हों.
  • क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर : बाजार में बन रहे उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए क्वालिटी एश्योरेंस प्रोग्राम की निगरानी करते हैं.
  • तरक्की की संभावनाएं : इसमें रेगुलेशन से जुड़े मामलों का डाइरेक्टर या वाइस प्रेसिडेंट बनाया जा सकता है.

फार्मा सेल्स व मार्केटिंग

भूमिका व जिम्मेदारियां : फार्मा उत्पाद सेल्स एंड मार्केटिंग वालों के द्वारा हेल्थकेयर पेशेवरों, फार्मासिस्टों और उपभोक्ताओं को बेचे जाते हैं. वे कंपनी के बिक्री के लक्ष्य तय करते हैं, बाजारों व उपभोक्ताओं पर शोध करते हैं और बिक्री के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों का समन्वय करते हैं.

संभावित करियर

  • फार्मास्युटिकल सेल्स रिप्रजेंटेटिव : यहां विज्ञापन हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के लिए होते हैं और दवा पर फायदे के साथ इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में जानकारी रहती है.
  • मार्केटिंग मैनेजर : दवाओं और अन्य संबंधित उत्पादों के लिए बिक्री की योजना तैयार करते हैं.
  • प्रोडक्ट मैनेजर : विचार से विज्ञापन तक, किसी उत्पाद को बनाने की पूरी प्रक्रिया का प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं.
  • तरक्की की संभावनाएं : सेल्स व मार्केटिंग में एक कर्मचारी सेल्स या मार्केटिंग डाइरेक्टर, चीफ कमर्शियल ऑफिसर जैसे उच्च पदों पर पहुंच सकता है.

मैन्युफैक्चरिंग व प्रोडक्शन

भूमिका व जिम्मेदारियां : मैन्युफैक्चरिंग व प्रोडक्शन के लोगों के पास बड़ी मात्रा में फार्मा उत्पाद बनाने का काम होता है.

संभावित करियर

  • प्रोडक्शन सुपरवाइजर : दवाओं के उत्पादन के काम की देखरेख करना.
  • प्रोसेस इंजीनियर : मैन्युफैक्चरिंग में बदलाव लाना और उसे बेहतर बनाना.
  • क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट : फार्मास्युटिकल उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना.
  • तरक्की की संभावनाएं : बहुराष्ट्रीय और स्थानीय दवा कंपनियों के विस्तार के साथ मैन्युफैक्चरिंग में पेशेवर लोगों की मांग बढ़ रही है. इसमें प्रोडक्शन मैनेजर या प्लांट मैनेजर तक बना जा सकता है.

एकेडमिया व एजुकेशन

भूमिका व जिम्मेदारियां : एकेडमिक फार्मेसी में काम करने वाले कर्मचारी शोध करते हैं, क्लास लेते हैं और विद्यार्थियों पर नजर रखते हैं.

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संभावित करियर

  • यूनिवर्सिटी प्रोफेसर : फार्मास्युटिकल साइंस के पाठ्यक्रमों के आधार. अनुसंधान में शामिल.
  • रिसर्च साइंटिस्ट : फार्मास्युटिकल साइंस विभाग में अकादमिक अनुसंधान करना.
  • एजुकेशन को-ऑर्डिनेटर : बच्चों, छात्रों, स्नातकों और अन्य लोगों के लिए सीखने के संसाधन तैयार करना.
  • तरक्की की संभावनाएं : शिक्षण संस्थानों में विभागाध्यक्ष या डीन जैसे पद पाने की संभावनाएं.

फार्माकोविजिलेंस व ड्रग सेफ्टी

भूमिका व जिम्मेदारियां : फार्माकोविजिलेंस पेशेवर किसी भी उत्पाद की सुरक्षा का निरीक्षण और मूल्यांकन करते हैं. वे दुष्प्रभावों को दूर करने के उपायों पर काम करते हैं.

संभावित करियर

  • ड्रग सेफ्टी एसोसिएट : दुष्प्रभावों को मॉनिटर और रिपोर्ट करना.
  • फार्माकोविजिलेंस स्पेशलिस्ट : दवाओं की सुरक्षा व अनुपालन से संबंधित डेटा का मूल्यांकन, समीक्षा और निगरानी करना.
  • रिस्क मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट : फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए रिस्क मैनेजमेंट.
  • तरक्की की संभावनाएं : इसमें फार्माकोविजिलेंस मैनेजर या ड्रग सेफ्टी का निदेशक बना जा सकता है.

निष्कर्ष

फार्मास्युटिकल साइंस में वैसे लोगों के लिए कई तरह के मौके हैं, जो दूसरों की भलाई चाहते हैं और चिकित्सा के क्षेत्र को आगे बढ़ाना चाहते हैं. आरएंडडी, रेगुलेटरी, सेल एंड मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग, एकेडमिक, फार्माकोविजिलेंट आदि पेशेवर इलाज के नए तरीके लाने और उन्हें सुरक्षित बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं.

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गोविंद नारायण सिंह, गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय (GNSU) के सेक्रेटरी हैं...

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.