70 हजार बनाम 1.5 करोड़ महिलाएं: भूमिहीन महिलाओं को जमीन देने का कांग्रेस का वादा कितना कारगर?

Bihar Assembly Elections 2025: आने वाले कुछ दिनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. इस चुनाव के लिए दोनों सियासी गठबंधन महिला वोटरों को अफने पाले में लाने की जुगत में लगे हैं. एनडीए डेढ़ करोड़ महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपए भेज रही है. तो कांग्रेस ने भूमिहीन महिलाओं को जमीन देने का वादा किया है.

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बिहार चुनाव में किनके साथ जाएगी महिला वोटर?
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  • बिहार में NDA सरकार महिला रोजगार योजना के तहत डेढ़ करोड़ महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपए भेज रही है.
  • महागठबंधन ने भूमिहीन परिवारों की महिलाओं को जमीन और ढाई हजार हर महीने देने का वादा किया है.
  • दोनों तरफ से आधी आबादी को लुभाने की कोशिश जारी है. देखना दिलचस्प होगा महिलाएं किनके साथ जाती हैं?
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पटना:

Women Voters in Bihar: बिहार में महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए जहां NDA सरकार ने 10 हजार रुपए भेज रही है तो वहीं महागठबंधन ने पहले ही ढाई हजार रुपए प्रति माह देने का ऐलान किया हुआ है. अब प्रियंका गांधी ने भूमिहीन परिवारों को 3 से 5 डिसमिल जमीन देने का ऐलान किया और यह कहा कि इस जमीन का हक महिलाओं के नाम होगा. पार्टी को उम्मीद है कि इससे महिलाओं का झुकाव नीतीश कुमार के बजाय उनकी गठबंधन की ओर होगा. प्रियंका गांधी ने बीते दिनों बिहार में आयोजित जनसभा में इस बात की घोषणा की. कांग्रेस का यह वादा कितना कारगर होगा. यह देखने वाली बात होगी.

डेढ़ करोड़ महिलाओं के खाते में आएगी 10-10 रुपए की राशि

हालांकि दिलचस्प यह है कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 75 लाख महिलाओं को राशि भेजी जा चुकी है और इतनी ही महिलाओं को 3 अक्टूबर को राशि भेजी जाएगी. यानी डेढ़ करोड़ महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा. जबकि महागठबंधन के ऐलान का फायदा सिर्फ 70 हजार 638 परिवार की महिलाओं को मिलेगा.

बिहार में 70638 परिवार ऐसे, जिनके पास आवासीय जमीन नहीं

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 70 हजार 638 परिवार के पास आवासीय जमीन नहीं है. विभाग ने बसेरा दो अभियान के तहत भूमिहीन परिवारों का सर्वे किया था. इस सर्वे में 1 लाख 37 हजार 29 परिवार भूमिहीन पाए गए थे. इनमें से 66 हजार 391 परिवारों को जमीन उपलब्ध कराई गई. अभी भी 70 हजार से अधिक परिवारों को पास कोई जमीन नहीं है.

महागठबंधन इन्हीं परिवारों को टारगेट करना चाहता है. लेकिन क्या डेढ़ करोड़ महिलाओं के बदले 70 हजार महिलाओं को साधकर महागठबंधन को कितना फायदा मिलेगा?

कांग्रेस का दावा- सरकार के आंकड़े सही नहीं है

इस सवाल के जवाब में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ कहते हैं, "सरकार के जो आंकड़े हैं, वह पूरी तरह सही नहीं है. इन्होंने जिन लोगों को जमीन का कागज दिया, उन्हें जमीन का टुकड़ा नहीं मिला है. हमारी सरकारी बनी तो हम सारी विसंगति दूर करेंगे. भूमिहीनों को जमीन तो देंगे ही, आंकड़ों की भी दुबारा जांच कराएंगे."

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उन्होंने यह भी कहा कि हम जमीन के साथ साथ ढाई हजार रुपए प्रति महीने, 25 लाख तक का इलाज और बढ़ी हुई पेंशन भी देंगे. महिलाएं समझती हैं कि एक बार दस हजार से कुछ नहीं होगा, हम उनकी सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वाबलंबन सुनिश्चित करेंगे. इसलिए महिलाएं हमें वोट करेंगी.

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सबसे अधिक भूमिहीन सहरसा तो सबसे कम शिवहर में

प्रदेश में सबसे अधिक भूमिहीन सहरसा में और सबसे कम शिवहर में चिन्हित किए गए थे. विभाग के मुताबिक सहरसा में 12 हजार 216 परिवारों के पास आवासीय भूमि नहीं है. वहीं शिवहर में यह संख्या 453 है. सहरसा में विभाग सिर्फ 10 % परिवारों को ही जमीन उपलब्ध करवा पाया है.

इन सभी भूमिहीनों को जमीन देने के लिए बसेरा दो अभियान चल रहा है. इस अभियान में अनियमितता की शिकायतों के बाद विभाग के सचिव जय सिंह ने अभियान की समीक्षा की थी. 2010 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी भूमिहीन महिलाओं को जमीन देने का ऐलान किया था.

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