सीतामढ़ी में कहां से आ गए हजारों HIV पॉजिटिव मरीज-NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट

सीतामढ़ी के डीएम रिची पांडेय ने एनडीटीवी से बातचीत में जिले में 7400 HIV पॉजिटिव मरीज मिलने खंडन किया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ इस साल के नहीं, बल्कि पिछले 13 साल के आंकड़े हैं.

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  • सीतामढ़ी जिले में अब तक कुल HIV पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगभग पांच हजार है, जिसमें इस साल नए मरीज भी शामिल हैं
  • अनप्रोटेक्टेड सेक्स और बाहरी राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों के कारण जिले में HIV संक्रमण तेजी से फैल रहा है
  • जिले में करीब चार सौ बच्चे 18 साल से कम उम्र के HIV पॉजिटिव पाए गए हैं, जो चिंता का विषय है
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सीतामढ़ी:

बिहार का सीतामढ़ी जिला इन दिनों HIV संक्रमित मरीजों की वजह से सुर्खियों में बना हुआ है. सीतामढ़ी में 7400 एचआईवी एड्स के पॉजिटिव आंकड़े आने के बाद, जिला प्रशासन और स्वस्थ विभाग में हड़कंप मंच गया है. जिले के ART सेंटर सदर अस्पताल ने दो दिन पहले जिले में एड्स पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा 7400 बताया था, जिसके बाद सीतामढ़ी से लेकर पटना तक हलचल मच गई. जिले में तेज़ी से बढ़े HIV के आंकड़े की पड़ताल करने एनडीटीवी कि टीम सीतामढ़ी के सदर अस्पताल स्थित ART सेंटर पहुंची. NDTV की टीम ने अपनी ग्राउंड के दौरान जो कुछ देखा वो बेहद हैरान करने वाला था. ART सेंटर जहां की एचआईवी पॉजिटिव मरीजों का इलाज और जांच होता है, वहां काफ़ी भीड़ थी.

ART सेंटर में ऐसे मरीजों की काउंसलिंग, जांच और उन्हें दवाई दी जाती है. स्वास्थ विभाग की तरफ़ से यहां एचआईवी के मरीजों के लिए इन तमाम चीजों का इंतजाम किया गया था. लोगों से बात करके पता चला कि यह एक ऐसी बीमारी है कि लोग इसके बारे में खुल कर बात नहीं करते हैं. इलाज करवाने से भी परहेज करते हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि ऐसा करना जानलेवा साबित होता है. कई लोगों ने कैमरे पर आकर अपनी पीड़ा बताई है. उन्होंने कहा कि कैसे उनके घर में उनकी लड़कियां भी एचआईवी से संक्रमित हो रही हैं. इसमें ज़्यादातर मामले में शादी के बाद मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि शादी के बाद दोनों लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं और उनसे उनके बच्चों में भी एचआईवी संक्रमण फैल रहा है.

लगभग 400 के आसपास बच्चे जो 18 साल से कम उम्र के हैं वो एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, यह आकड़ा सिर्फ सीतामढ़ी जिले का है. जिले में मिले 7400 एचआईवी पॉजिटिव आंकड़े को स्वस्थ विभाग ने ग़लत बताया, लगभग 5000 के आसपास है पॉजिटिव आकड़े हैं. डॉ. जेड जावेद,ACMO सह प्रभारी डीएस सदर अस्पताल, सीतामढ़ी ने एनडीटीवी से बात करते हुए इन आकड़ों को ग़लत बताया है. उन्होंने कहा की यह आंकड़ा साल 2012 से लेकर अब तक का है, जब से तब ART सेंटर बना है , यानी पिछले 13 साल का यह आंकड़ा है , जिसमे कई लोग मर चुके हैं और कई लोग इलाज कराने बाहर चले गए हैं. अभी जिले में 5396 एचआईवी पॉस्टिव मरीज हैं ,जिनमे साल 2025 में नए 287 मरीज़ जिले में मिले हैं. लेकिन इसके बाद भी 500 ऐक्टिव एचआईवी मरीज होने जिले में चिंता की बात है. 

उन्होंने एचआईवी पॉजिटिव होने का सबसे बड़ा कारण अनप्रोटेक्टेड सेक्स को बताया है. जो की सबसे खतरनाक है. गरीबी और पिछड़ापन होने से भी इस इलाके में एचआईवी पीड़ित मरीज बढ़े हैं. डॉ. जेड जावेद ने बताया कि यहां के मर्द कमाने के लिए दिल्ली ,मुंबई , यूपी , पंजाब जाते हैं और वहां से एचआईवी संक्रमित होकर लौटते हैं. और ये लोग जब यहां आते हैं तो उनसे ये बीमारी उनकी पत्नी को होती है और फिर उनके बच्चे भी संक्रमित हो जाते हैं.

वहीं, डॉ जोया अली,सदर अस्पताल सीतामढ़ी ने एनडीटीवी से बताया कि एचआईवी के फैलने की कई वजह हैं. सबसे पहला तो ये कि सीतामढ़ी बिहार के पिछले जिलों में आता है, यहां गरीबी के साथ-साथ शिक्षा का बहुत आभाव है. साथ ही लोग उतने जागरूक नहीं हैं, इस बीमारी को लेकर आज भी लोग इसके बारे में बात करने से बचना चाहते हैं. इसे समाज में टैबू की तरह माना जाता है.

डीएम ने एचआईवी के आकड़े को बताया चिंताजनक

सीतामढ़ी के डीएम रिची पांडेय ने एनडीटीवी से बातचीत में जिले में 7400 HIV पॉजिटिव मरीज मिलने खंडन किया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ इस साल के नहीं, बल्कि पिछले 13 साल के आंकड़े हैं. जब से जिले में ART सेंटर साल 2012 से बना है तब के यह आकड़े हैं. हालांकि मौजूदा समय में भी जिले में लगभग 5000 के आसपास एचआईवी पॉजिटिव मरीज़ हैं जो की चिंता का विषय है. लेकिन जिस तरह से इस ख़बर को दिखाया गया उससे कहीं ना कहीं सीतामढ़ी जिले की छवि को भी नुकसान पहुंचा है. यह काफ़ी बड़ा जिला है यहां आबादी बहुत है. साथ अनप्रीवेंटेड सेक्स और बाहर से पलायन के बाद आए लोगों से भी इसके आंकड़े तेज़ी से बढ़े हैं. मैं ख़ुद इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहा हूं, जहां भी हॉट स्पॉट है उसे चिन्हित किया जा रहा है. जिले में इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिससे की लोग इस बीमारी के बारे में जाने और इसका सही तरीके से इलाज कराए. यह एक ऐसी बीमारी है लोग जिसके बारे में बात करने से भी बचते है लेकिन हमे इसे रोकने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता अभियान चकना होगा. 

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आख़िर क्यों बढ़ रहे है सीतामढ़ी में एचआईवी संक्रमित मरीज?

अब सवाल ये है कि आखिर सीतामढ़ी में एचआईवी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ क्यों रही है? दरअसल,  सीतामढ़ी जिला भारत और नेपाल सीमा पर स्थित है. इसके बगल के जिले शिवहर में भी तेजी से बढ़ रहे हैं आंकड़े. यह जिला बिहार के काफ़ी पिछड़े जिले में गिना जाता है. यहां बहुत गरीबी है जिसके कारण लोग शिक्षा के आभाव में  जी रहे है. उनके माता पिता भी शिक्षित नहीं है. ज़्यादा तर परिवार से मर्द कमाने के लिए बिहार से बाहर पलायन करके जाते है और परिवार से दूर रहते है. साथ ही यह जिला बाढ़ से प्रभावित जिला है जहां हर साल बाढ़ आती है जिसके कारण इस जिले में बहुत गरीबी है. और यही वजह है की यहां के लोग पढ़ नहीं पाते है और शिक्षा के आभाव में जीते हैं. और ना ही इन्हें प्रोटेक्टेड सेक्स की जानकारी नहीं होती है. 

यहां पिछड़ी जाति और मुस्लिम आबादी काफी है , लेकिन इनमें ज्यादातर परिवार गरीब हैं और जिनके परिवार के पुरुष सदस्य काम करने के किए बिहार से बाहर जाते हैं. और जब वहां से आते हैं तब अपने साथ एचआईवी संक्रमण भी ले आते हैं. उनसे यह संक्रमण अपनी पत्नी को देता और फिर पत्नी से बच्चे में फैलता है. यही वजह है कि जिले में शादी के बाद तेजी से लड़कियों में भी एचआईवी का संक्रमण बढ़ा है और यही वजह है उनसे उनके बच्चो में भी यह बीमारी फैली है.

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कुम्हरा बिशनपुर सीतामढ़ी जिले का वैसा इलाका या गांव कह लीजीए जो की जिले में एचआईवी का हॉट स्पॉट बना हुआ है. यह सीतामढ़ी का वह जगह है जहां सबसे ज़्यादा लोग एचआईवी से संक्रमित हैं. और यहां ज़्यादातर आबादी मुसलमानों और पिछड़ा वर्ग के लोगों की है. ऐसे में इनके बीच शिक्षा और जागरूकता का काफ़ी आभाव है ,जिसके वजह से यहां एचआईवी के आंकड़े सबसे ज़्यादा है . 

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