यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को दरभंगा विधानसभा थे. यहां उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी संजय सरावगी के लिए चुनाव प्रचार किया और रोड शो भी निकाला. बता दें कि 6 नवंबर को वोटिंग के लिए आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. ऐसे में योगी बीजेपी के लिए ताबड़तोड़ प्रचार में जुटे हैं.
बीजेपी का इस बार योगी का मिथिलांचल में उतारने के पीछे कई वजह हैं. दरअसल, इस बार का विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं माना जा रहा. दरभंगा-मधुबनी जिले के चार विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस बेनीपुर, जाले, बेनीपट्टी और फुलपरास विधानसभा क्षेत्र से लड़ रही है. इन चार क्षेत्रों में तीन सीटों पर कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार को और एक सीट से अति पिछड़ा धानुक जाति को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी इस क्षेत्र में अपने प्रभुत्व को बरकरार रखने के लिए पूरी शक्ति झोक दी है.
2020 के चुनाव में बीजेपी और एनडीए अधिकांश सीटों पर कब्जा करने में सफल रही. गत विधानसभा चुनाव में दरभंगा के बाकी दस सीटों में से 9 सीटों पर एनडीए कब्जा करने में सफल हुई थी. वही एकमात्र सीट दरभंगा ग्रामीण से आरजेडी के ललित कुमार यादव महागठबंधन के जीते हुए प्रत्याशी थे. दरभंगा ग्रामीण से अब तक कभी भी भारतीय जनता पार्टी का विधायक नहीं हुआ है.
मिथिलांचल में अब तक बीजेपी नेताओं को विधानसभा के चुनाव में 37 बार कमल खिलाने का मौका मिला है. दरभंगा में 18, समस्तीपुर में चार और मधुबनी में अब तक बीजेपी से 15 विधायक बने हैं. हालांकि, इस बार इसमें 13 और जोड़ने की आजमाइश चल रही है. अगर ऐसा होता है तो मिथिला की राजनीति इतिहास में बीजेपी विधायकों की संख्या 50 हो जाएगी.
इसी को देखते हुए दरभंगा के नगर से संजय सरावगी को छठी बार, जाले से जीवेश कुमार को तीसरे बार, केवटी से मुरारी मोहन झा, हायाघाट से रामचंद्र प्रसाद को दूसरी बार और गौड़ा-बौराम से सुजीत कुमार सहित अलीनगर से मैथिली ठाकुर को पहली बार टिकट देकर मैदान में उतारा गया है.














