गिरिराज सिंह ने मुसलमानों को ‘नमक हराम’ बताया, कहा- उपकार नहीं मानते 

गिरिराज सिंह के बयान पर आरजेडी के प्रवक्‍ता स्पोक्सपर्सन मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'यह सब जानते हैं कि बीजेपी नेता लीडर हिंदू-मुस्लिम के अलावा कुछ नहीं कह सकते. वो बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, बेहतर एजुकेशन और मेडिकल फैसिलिटी के बारे में बात नहीं कर सकते.

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  • केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार की जनसभा में मुस्लिम समुदाय को नमक हराम कहकर विवादित बयान दिया है
  • उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के बावजूद पीएम मोदी को वोट नहीं देता.
  • गिरिराज के अनुसार एनडीए सरकार समाज के हर वर्ग के लिए काम करती है लेकिन मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते.'
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पटना:

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने बिहार चुनाव के बीच फिर से एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने अरवल जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुसलमानों को 'नमक हराम' कहा. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं, जैसे आयुष्मान योजना, का लाभ लेने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देता, जिससे वे उपकार नहीं मानते. गिरिराज सिंह ने इसके साथ ही कहा कि उन्हें 'नमक हराम' (धोखेबाजों) के वोटों की जरूरत नहीं है. 

मौलवी से गिरिराज के सवाल 

बेगूसराय से बीजेपी सांसद गिरिाज सिंह एक रैली को संबोधित कर रहे थे. यहां पर उन्‍होंने कहा, 'एक बार मैंने एक 'मौलवी' (मौलवी) से पूछा कि क्या उनके पास आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड है और उन्होंने हां में जवाब दिया. मैंने पूछा कि क्या ऐसे कार्ड हिंदू-मुस्लिम के आधार पर बांटे जाते हैं और उन्होंने ना में जवाब दिया.' गिरिराज सिंह ने आगे कहा, 'जब मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने मुझे वोट दिया है, तो उन्होंने हां में जवाब दिया, लेकिन जब मैंने उनसे खुदा (भगवान) की कसम खाने को कहा, तो उन्होंने कहा नहीं, उन्होंने नहीं दिया.' उनके अनुसार मुसलमान सभी केंद्रीय योजनाओं का फायदा उठाते हैं लेकिन हमें वोट नहीं देते और ऐसे लोगों को 'नमक हराम' कहा जाता है. गिरिराज सिंह ने आगे कहा, 'मैंने मौलवी साहब से कहा कि मुझे 'नमक हराम' के वोट नहीं चाहिए.'  

NDA ने किया बिहार का विकास 

बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरु से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गाली दी है, जिसका जवाब उन्होंने 'नहीं' में दिया.  केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैंने उनसे यह भी पूछा कि क्या मैंने उनकी बेइज्जती की है, जिस पर उन्होंने कहा 'नहीं'. फिर मैंने उनसे पूछा कि मेरी क्या गलती थी कि उन्होंने मुझे वोट नहीं दिया. जो दया नहीं मानता उसे 'नमक हराम' कहा जाता है.'

सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार के पूरे विकास के लिए बहुत सारे इंफ्रास्ट्रक्चर का काम किया है. रैली में गिरिराज ने कहा, 'बिहार में सड़कें सिर्फ एनडीए नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए ही नहीं बल्कि आम जनता के लिए भी बनी हैं. बिहार अब बदल गया है. एनडीए सरकार समाज के हर वर्ग के लिए काम करती है लेकिन मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते.' 

सुर में सुर मिलाते जेडीयू के नेता 

इसी तरह का बयान जेडीयू के प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने भी दिया. उन्‍होंने कहा, 'यह सच है कि केंद्र सरकार बेनिफिशियरी को वेलफेयर के तरीकों को बांटने में कभी भेदभाव नहीं करती. फिर भी, उसे एक खास कम्युनिटी के वोट नहीं मिलते. यह निश्चित तौर पर चिंता की बात है. जहां तक ​​उनके (गिरिराज सिंह) भाषण में इस्तेमाल की गई भाषा और टर्मिनोलॉजी की बात है, वह अपनी पसंद के शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए फ्री हैं.' 

बयान की आलोचना 

सिंह के बयान पर रिएक्शन देते हुए आरजेडी के प्रवक्‍ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'यह सब जानते हैं कि बीजेपी नेता लीडर हिंदू-मुस्लिम के अलावा कुछ नहीं कह सकते. वो बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, बेहतर एजुकेशन और मेडिकल फैसिलिटी के बारे में बात नहीं कर सकते. जब भी आप उनसे डेवलपमेंट के बारे में बात करते हैं, तो वे हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर चर्चा शुरू कर देते हैं और लोगों का ध्यान मेन मुद्दों से हटाने की पूरी कोशिश करते हैं.' पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव ने यूनियन मिनिस्टर के कमेंट्स की आलोचना की. पटना में रिपोर्टर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'गिरिराज बाबू को हमें उन लोगों के नाम बताने चाहिए जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों का साथ दिया था.' 
 

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