बिहार: जमीन सर्वे के ऑनलाइन आवेदन में हो रही परेशानी, ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं लोग

Bihar Land Survey: पटना सर्वे ऑफिस में आए लोगों ने कहा कि अचानक शुरू हुआ है. 1 साल का समय देना चाहिए. ऑफिस में कर्मचारियों की कमी है और काम नहीं हो रहा है.

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पटना:

बिहार भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) काम हो रहा है. प्रदेश में जमीन का सर्वे कराने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि आपराधिक घटनाओं के पीछे जमीन को लेकर होने वाला विवाद भी सबसे अहम वजहों में से एक रहा है. लेकिन सर्वेक्षण को लेकर लोगों को कई तरह की समस्याएं आ रही है. जमीन की रजिस्ट्री में गड़बड़ी, और जमीन के रिकॉर्ड्स का पुराना होना जैसी समस्याएं आम हैं.

सर्वे ऑफिस आए लोगों ने NDTV से कहा, "किसी के पास रशीद नहीं है तो किसी के पास ऑनलाइन रशीद नहीं है. बहुत सारी समस्याएं आ रही है. ब्लॉक स्तर पर स्थिति को ठीक किया जाना चाहिए."

पटना सर्वे ऑफिस में आए लोगों ने कहा कि अचानक शुरू हुआ है. 1 साल का समय देना चाहिए. ऑफिस में कर्मचारियों की कमी है और काम नहीं हो रहा है. वंशावली प्रमाण पत्र को लेकर भी समस्या आ रही है. जमीन कई बार रजिस्ट्री हो चुका है. लेकिन पेपर कहां है पता नहीं है. जमाबंदी में नाम है. लेकिन पेपर नहीं है.

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क्यों पड़ी जमीन सर्वे की जरूरत
बिहार में कई जगह पर अब भी जो खतियान इस्तेमाल में लाया जा रहा है, वो सन 1910 तक का बना हुआ है, जबकि कई जगह पर 1970 और 1980 का भी इस्तेमाल में लाया जा रहा है. जब खतियान पुराना हो जाता है तो उस जमीन के कई दावेदार हो जाता हैं. ये होता इसलिए है क्योंकि परिवार कई हिस्सों में बंट जाते हैं. अब उनके नाम से खतियान नहीं होता है तो उन्हें दिक्कत शुरू हो जाती है और जमीन को लेकर विवाद शुरू हो जाता है.

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रिकॉर्ड्स ऑनलाइन उपलब्ध कराने की तैयारी 
बिहार सरकार जमीन को लेकर तमाम रिकॉर्ड्स अब ऑनलाइन उपलब्ध कराने की तैयारी में है. इस सर्वे से पहले जमीन के मौजूदा और वास्तविक मालिक की पहचान की जाएगी और उसके बाद उस जमीन से जुड़ी तमाम जानकारियों को बिहार सरकार की साइट पर अपडेट और अपलोड किया जाएगा. सर्वे के पूरा होने के बाद अब कोई भी अपने जमीन का रिकॉर्ड ऑनलाइन ही देख पाएगा.

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जानिए पूरी प्रक्रिया
सर्वे को पूरा करने के लिए फॉर्म संख्या 1 से लेकर फॉर्म संख्या 22 तक की प्रक्रिया को पूरा करना होगा. फॉर्म संख्या 22 की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही नए खतियान की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा. फॉर्म संख्या एक के तहत इस बात की घोषणा की करते हैं कि सरकार की तरफ से कुछ लोग आपके गांव में आकर आपकी जमीन की नपाई करेंगे. जमीन में जो सुधार कराना चाहते हैं वो खुद ही कर लें. जबकि फॉर्म संख्या 2 में जमीन के मालिक खुद से ही घोषणा करके उस जमीन का विवरण सरकारी अधिकारियों को उपलब्ध कराएंगे.

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