बिहार में सत्तासीन आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने स्वरोजगार की वकालत करने पर गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरसएस) के प्रमुख मोहन भागवत पर प्रहार किया. लालू ने ट्वीट किया, 'आरसएस की ठग विद्या से प्रशिक्षित और संघ की महाझूठी, महाकपटी पाठशाला से निकले जुमलेबाज विद्यार्थी ही सालाना दो करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष देने का वादा कर वोट बटोरते हैं?'
उन्होंने कहा, 'जब जब आरसएस-बीजेपी अपनी ही फिजूल की बातों में फंसती है तो नफ़रत फैलाने वाले सज्जन बिन मांगे ज्ञान बांटने चले आते हैं.'
भागवत ने नागपुर में विजयदशमी समारोह को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘ रोजगार मतलब नौकरी और वह भी सरकारी. अगर सब लोग नौकरी के पीछे ही भागेंगे हम (समाज) कितनी नौकरियां दे सकते हैं? किसी भी समाज में सरकारी और निजी मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरियां होती हैं. बाकी सब को अपना काम (स्वरोजगार) करना पड़ता है.''
भागवत के बयान को नरेंद्र मोदी सरकार के 'नौकरी' और 'रोजगार' के बीच अंतर करने के रुख के अप्रत्यक्ष समर्थन के रूप में देखा जा रहा है.
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