'नहीं होना चाहिए क्रिमी लेयर, दलित वर्ग को आबादी के अनुरूप मिले आरक्षण' : केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी नेे कहा, कोई क्रीमी लेयर नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने जो निर्देश दिए हैं, वह सही है. अनुसूचित जाति के लोगों में ओबीसी की तरह कोई क्रीमी लेयर नहीं होनी चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पटना:

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एससी-एसटी के क्रीमी लेयर वर्गीकरण को मंजूरी देने से इनकार के बारे में हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि क्रीमी लेयर और कोटा के भीतर दो अलग-अलग चीजें हैं. उन्होंने कहा, "मैं भी कैबिनेट में था और हमने इस मुद्दे पर चर्चा भी की है. कोई क्रीमी लेयर नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने जो निर्देश दिए हैं, वह सही है. अनुसूचित जाति के लोगों में ओबीसी की तरह कोई क्रीमी लेयर नहीं होनी चाहिए. लेकिन समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जो 76 साल बाद भी लोगों की दया पर निर्भर हैं. उनके लिए एक व्यवस्था होनी चाहिए. इसीलिए कहा जाता है कि कोटा के भीतर कोटा होना चाहिए क्योंकि सब कुछ जनसंख्या के आधार पर होता है."

उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि बिहार में अनुसूचित जाति में 21 जातियां हैं और उन 21 जातियों में से चार को डी-4 कहा जाता है और आज भी इसे देखा जा सकता है. जज हो, कलेक्टर हो, इंजीनियर हो, चीफ इंजीनियर हो, रेलवे हो या बैंकिंग हो - इन सबमें डी-4 सबसे बेहतर है. सबसे ज्यादा प्रताड़ित दलित जो डोम, मुसहर, भुइंया जाति के हैं, उनको उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण नहीं मिला है. इसलिए हमने कैबिनेट में भी कहा है कि उनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए. आजादी के 76 साल बाद भी इस वर्ग से कोई बड़ा अधिकारी नहीं है. क्रीमी लेयर की बात न करें, लेकिन लोगों को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए."

पटना एयपोर्ट पर मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान मांझी ने कहा, मनीष सिसोदिया अभी बरी नहीं हुए हैं. उन्हें राजनीतिक बयानबाजी से बचने की जरूरत है.

केंद्रीय मंत्री ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि जमानत मिलने के बाद भाषण देना ठीक नहीं है. जमानत मिलने का मतलब यह नहीं है कि वह बरी हो गए हैं. इसलिए, जमानत मिलने के बाद भाषण देना या राजनीतिक बातें करना ठीक नहीं है. हमारा मानना है कि मनीष सिसोदिया कानूनी प्रक्रिया के तहत जेल गए थे और कानूनी प्रक्रिया के तहत ही जेल से बाहर आए हैं. अगर कोई और मुद्दा है तो वह फिर से जेल जा सकते हैं. यह न्यायिक मामला है और इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi MCD के Mayor और Deputy Mayor Election आज, ये हैं BJP और AAP के उम्मीदवार