वोट का अधिकार नहीं छीन सकते... SIR मुद्दे पर तेजस्वी यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस, चुनाव आयोग पर खूब बरसे

तेजस्वी यादव ने कहा कि 7 करोड़ 90 लाख वोटर में 1 फीसदी वोटर भी छूट जाए और दस्तावेज नहीं दे पाए तो क्या होगा? इस हिसाब से करीब हर विधानसभा में 3 हजार 251 वोटर्स का नाम कटेगा.

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निर्वाचन आयोग ने कोई औपचारिक संशोधित अधिसूचना जारी नहीं की : तेजस्वी यादव
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  • बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विशेष गहन पुनरीक्षण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की
  • विपक्ष ने चुनाव आयोग से लाइव डैशबोर्ड की मांग की है ताकि फॉर्म जमा होने की स्थिति पारदर्शी रूप से देखी जा सके.
  • तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि BLO द्वारा बिना मतदाता की जानकारी फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा लगाकर फॉर्म अपलोड किए जा रहे हैं.
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पटना:

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर सवाल उठाए. तेजस्वी यादव ने कहा, "...भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कल 80% फॉर्म जमा होने की जानकारी दी गई. आयोग ने ये नहीं बताया कि कितने प्रपत्र सत्यापित, स्वच्छ और वैध तरीके से भरे गए हैं? जमीन से लगातार हमें सूचना मिल रही है कि बिना मतदाता के जानकारी और बिना सहमति के BLO द्वारा फर्जी अंगूठा या हस्ताक्षर लगाकर प्रपत्र को अपलोड किया जा रहा है. आंकड़े मात्र अपलोडिंग का दर्शा रहे हैं जबकि आयोग ने प्रमाणिकता, सहमति और वैद्यता की कोई गारंटी नहीं दी है। आयोग का 80% का दावा जमीनी हकीकत से पूरी तरीके से विपरीत है..."

RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, सुप्रीम द्वारा दस्तावेजों में लचीलापन लाने की सलाह के बावजूद निर्वाचन आयोग ने कोई औपचारिक संशोधित अधिसूचना जारी नहीं की है. चुनाव आयोग ने ये नहीं बताया कि कितने प्रपत्र बिना दस्तावेज या बिना के मतदाता के प्रत्यक्ष भागीदारी के अपलोड हुए हैं? चुनाव आयोग फर्जी अपलोडिंग की संभावनाओं पर चुप है. चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों की भागीदारी का उल्लेख तो किया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया कि BLA को वास्तविक निरीक्षण की भूमिका दी गई या केवल उपस्थिति की सूचना दर्ज की जा रही है. कई जिलों में विपक्षी दलों के BLA को सूचित नहीं किया गया है और प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी से रोका गया है... BLO और ERO पर 50%+ अपलोडिंग का लक्ष्य थोपे जाने के कई रिपोर्ट आ चुके हैं..."

वोट का अधिकार नहीं छीन सकते

तेजस्वी यादव ने आगे कहा हम लोग अलर्ट हैं. ग्राउंड में क्या चल रहा है. इस पर हमारी नजर है. बिहार एकदम अलर्ट है. 90 फीसदी मतदाता वंचित वर्ग से हैं, उनकी रोटी छीन सकते हैं लेकिन उनके वोट का अधिकार नहीं छीन सकते. हमने मांग की थी कि एक लाइव डैशबोर्ड विधानसभा वाइज दिखाया जाए. किस विधानसभा में कितने फॉर्म जमा हुए, यह दिखाने में क्या जाता है? जिस जगह कम हुआ, वहां और लोग जोर लगाएंगे. हमारी मांग है कि लाइव डैशबोर्ड शुरू किया जाए. 

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तेजस्वी यादव ने इस दौरान कहा कि 7 करोड़ 90 लाख वोटर में 1 फीसदी वोटर भी छूट जाए और दस्तावेज नहीं दे पाए तो क्या होगा? इस हिसाब से करीब हर विधानसभा में 3 हजार 251 वोटर्स का नाम कटेगा. 2020 के चुनाव में 35 सीटों पर जीत हार का अंतर 3000 मतों का था. 52 सीटें ऐसी थी कि जहां जीत हार का अंतर 5 हजार से कम था. अगर 1 फीसदी मतदाताओं का नाम भी कटा तो यह इतनी सीटें प्रभावित कर सकता है.

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