नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है. एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन में एक बार फिर लौट आए. उन्हें सात दलों के महागठबंधन का नेता बनाया गया है. बुधवार दोपहर 2 बजे राजभवन में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने शपथ ली. शपथ ग्रहण के दौरान तेजस्वी यादव ने मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. इससे पहले भी महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री थे. फिर साल 2017 में उन्होंने महागठबंधन छोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया था.
तेजस्वी यादव ने शपथ लेने के बाद जैसे ही नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिए. वहां, राजभवन में मौजूद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की.
शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मैं 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बनना चाह रहा था, लेकिन मेरे ऊपर दबाव डाला गया. अब आप देख लिजिए क्या नतीजा रहा.
2024 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के सवाल पर नीतीश कुमार ने बोला, 'हम किसी चीज के उम्मीदवार नहीं रहेंगे ना उसकी दावेदारी करेंगे. पर सवाल यह है कि जो 2014 में आए थे, वो 2024 में रहेंगे या नहीं?'
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बता दें, नीतीश कुमार ने 2014 में लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया था. हालांकि, एक वर्ष बाद ही अपने सहयोगी रहे जीतन राम मांझी के विद्रोह के बाद राजद और कांग्रेस के समर्थन से वह फिर मुख्यमंत्री बने. 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की और सत्ता हासिल की. नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री बने हालांकि दो वर्ष बाद ही 2017 में वे NDA में लौट आए. 2020 के विधानसभा चुनाव में कुमार ने केंद्र में भारी बहुमत से काबिज भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. हालांकि, जदयू को 243 सदस्यीय विधानसभा में 45 सीट पर ही संतोष करना पड़ा.
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