बिहार में तेजस्‍वी के 'सूत्र मूत्र' वाले बयान पर बवाल, JDU बोली- घर में ऐसे ही करते होंगे बात

एक प्रेस कांफ्रेंस में किसी पत्रकार ने तेजस्वी से सूत्रों का हवाला देकर एक सवाल किया, जिसके जवाब में तेजस्वी ने सूत्र को लेकर विवादित शब्द का इस्तेमाल किया, उनकी इसी टिप्पणी पर बीजेपी उन्हें घेर रही है.

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  • आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सूत्रों लिए एक विवादित शब्द का इस्तेमाल किया, जिस पर भारतीय जनता पार्टी हमलावार हो गई है.
  • भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि तेजस्वी यादव की पत्रकारों के प्रति अशोभनीय टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है.
  • भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने तेजस्वी यादव से माफी मांगने और अपने बयान को वापस लेने की मांग की है, इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया.
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पटना:

RJD नेता तेजस्वी यादव के सूत्र को मूत्र बताने पर सियासी संग्राम छिड़ गया है. जेडीयू और बीजेपी ने तेजस्वी यादव को घेर  लिया है. जेडीयू ने कहा कि ये कैसी भाषा है, तेजस्वी इसी तरह की भाषा घर में भी इस्तेमाल करते होंगे. वहीं भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि प्रेस वार्ता के दौरान राजद के चिराग तेजस्वी यादव द्वारा मीडिया को लेकर की गई अशोभनीय टिप्पणी अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे पहले भी वह अख़बारों को बंद करने की धमकी दे चुके हैं. यह आचरण पत्रकारिता की स्वतंत्रता, प्रेस की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ़ है. तेजस्वी यादव को तुरंत बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए. लोकतंत्र में सवाल पूछना अपराध नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी है.

उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी क्यों नहीं की

अमित मालवीय ने लिखा कि तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि वह सचिन तेंदुलकर से प्रेरित होकर क्रिकेट खेलने लगे और नौवीं कक्षा में उनकी पढ़ाई से रुचि भटक गई. एक क्षण के लिए मान लीजिए कि सच में ऐसा ही हुआ हो. लेकिन सवाल यह है: जब उन्हें यह एहसास हो गया कि न वह तेंदुलकर बन सकते हैं, न उनके आस-पास भी पहुंच सकते हैं, तो उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी क्यों नहीं की?  जिस बिहार का आम युवा शिक्षा के दम पर कलेक्टर, डॉक्टर, इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारी बन रहा है.

जहां बिहारियों का परचम मुंबई से लंदन तक लहरा रहा है, वहां एक ऐसा व्यक्ति, जिसके दोनों माता-पिता मुख्यमंत्री रहे हों, अगर वह नौवीं भी पास न कर सके, तो यह न केवल शिक्षा का अपमान है बल्कि बिहार के आकांक्षी युवाओं का भी अपमान है. क्या ऐसे लोग, जिनके पास तमाम संसाधन होते हुए भी, बुनियादी शिक्षा पूरी न हो सकी हो, बिहार के मेहनती और महत्वाकांक्षी युवाओं की उम्मीदों और संघर्षों को समझ सकते हैं? बिहार अब बदल चुका है — अब ‘जंगलराज' की विरासत नहीं, ‘शिक्षा और संघर्ष' की सफलता बोलती है.

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तेजस्वी यादव पढ़े लिखे नहीं है...

भाजपा नेता संजय जायसवाल ने तेजस्वी यादव की आलोचना की, उन्होंने तेजस्वी यादव को अशिक्षित और गैर-ज़िम्मेदार बताते हुए, उनसे माफ़ी मांगने, खेद व्यक्त करने को कहा. एएनआई से बात करते हुए, भाजपा नेता जायसवाल ने कहा, "केवल तेजस्वी यादव ही मीडियाकर्मियों या किसी भी इंसान के बारे में ऐसी टिप्पणी कर सकते हैं. तेजस्वी यादव के साथ समस्या यह है कि वह पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसलिए उनके घर के लोग उन्हें जो भी याद कराना चाहते हैं, रटा देते हैं और वह उसे दोहराते रहते हैं. लेकिन अगर कोई उनसे इससे हटकर कोई सवाल पूछे, तो वह इस तरह की गड़बड़ी कर देंगे."

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तेजस्वी यादव से की माफी की मांग

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करार देते हुए तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी से माफी की मांग की है. गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव का बयान न केवल पत्रकारिता के प्रति अपमानजनक है, बल्कि यह लोकतंत्र के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश को दर्शाता है. उन्होंने तेजस्वी यादव के हालिया अधिवेशन के बयान का जिक्र करते हुए कहा, "तेजस्वी यादव ने कहा था कि वे अपने समर्थकों से चौथे स्तंभ को बेनकाब करने को कहेंगे, यह प्रेस के खिलाफ खुली धमकी है. वे किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं?"

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जंगलराज में पत्रकारों को बनाया निशाना

गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि बिहार में लालू राज के दौरान पत्रकारों पर हुए हमलों का हवाला देते हुए कहा, "1991 में गया के पत्रकार अशोक प्रसाद की हत्या, 1994 में सीतामढ़ी के दिनेश दिनकर की हत्या, 1997 में गोपालगंज में हिंदुस्तान अखबार के कार्यालय पर बम हमला, 1999 में सिवान में दूरदर्शन कार्यालय पर हमला और मधुबनी में वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिका राय पर हमला जैसे मामले आरजेडी के शासनकाल की सच्चाई बयां करते हैं." गुरु प्रकाश पासवान ने आरोप लगाया कि ये घटनाएं उस दौर की हैं, जब जंगलराज के दौरान पत्रकारों को निशाना बनाया गया और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई.

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पत्रकारिता में 'सूत्र' एक पेशेवर शब्द

वर्तमान एनडीए सरकार में पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है. पत्रकारिता में 'सूत्र' एक पेशेवर शब्द है, जिसे अपमानित करना आरजेडी के संस्कारों को दर्शाता है. पत्रकार लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए अपने परिवार और जीवन को दांव पर लगाते हैं. उनके लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल अस्वीकार्य है. गुरु प्रकाश पासवान ने तेजस्वी यादव से इस बयान को वापस लेने, स्पष्टीकरण देने और माफी मांगने की मांग की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो भाजपा और चौथा स्तंभ मिलकर आंदोलन करेंगे और आरजेडी के चाल, चरित्र और चेहरे को बिहार और देश की जनता के सामने उजागर करेंगे.

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