आरजेडी का तेजस्वी वाला गाना लॉन्च.. कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक से पहले लालू ने चल दिया बड़ा दांव?

बिहार चुनाव से पहले आरजेडी ने तेजस्वी यादव को चेहरा बनाकर चुनावी सॉन्ग लॉन्च किया है, जिसमें उनके कामकाज को प्रमुखता दी गई है. इसे कांग्रेस पर दबाव की रणनीति और महागठबंधन में अपनी दावेदारी मजबूत करने का दांव माना जा रहा है.

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  • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी ने तेजस्वी यादव को प्रमुखता देते हुए एक चुनावी गाना जारी किया है
  • इस गाने में तेजस्वी यादव के डेप्युटी सीएम के रूप में सत्रह महीने के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताया गया है
  • आरजेडी ने अपने इस वीडियो के जरिए कांग्रेस को सत्ता और कुर्सी की लालसा नहीं होने का संदेश दिया है
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव में थोड़ा वक्त है लेकिन सियासी फिजा तेजी से बदल रही है. राज्य में आज कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक है. दूसरी तरफ आरजेडी ने चुनाव से पहले अपना गाना लॉन्च कर दिया है. इस गाने की थीम में तेजस्वी यादव हैं. दरअसल, इस गाने के जरिए आरजेडी ने अपने सहयोगी कांग्रेस को बड़ा संदेश दे दिया है. 

वीडियो की शुरुआत ही उगते सूर्य और उसके सामने तेजस्वी बिहार के प्रगति की छवि शब्द से होती है. 2 मिनट 41 सेकेंड के इस पूरे वीडियो में तेजस्वी को काफी प्रमुखता से दिखाया जा रहा है. आरजेडी के इस सॉन्ग की टाइमिंग को लेकर भी सियासी पंडित नए नजरिए से देख रहे हैं. दरअसल, कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक से पहले लालू यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव के लिए एक दांव खेला है.

तेजस्वी ही होंगे चेहरा!

अभी तक कांग्रेस ने राज्य में तेजस्वी को बतौर सीएम मानने पर मुहर नहीं लगाई है. अब आरजेडी ने सॉन्ग जारी कर तेजस्वी को अपने वीडियो का चेहरा बनाया है. इस वीडियो में बतौर डेप्युटी सीएम तेजस्वी के 17 महीने के काम को प्रमुखता से दिखाया गया है. वीडियो में तेजस्वी के काम को ऐतिहासिक बताया गया है. आरजेडी ने इस वीडियो के जरिए ये भी बताने की कोशिश की है कि उसे न तो सत्ता की लालसा है और न ही कुर्सी की भूख. पर जिस तरह से वीडियो में तेजस्वी को प्रमुखता दी गई है, उसका मकसद साफ है. 

तो क्या कांग्रेस पर दबाव की रणनीति? 

माना जा रहा है कि इस वीडियो के जरिए आरजेडी ने बड़ा दांव चल दिया है. चुनाव की घोषणा होने से पहले इसे कांग्रेस पर दबाव की रणनीति भी मानी जा रही है. कांग्रेस अपनी वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद कोई बड़ा फैसला कर सकती है. लेकिन बिहार में चुनाव के ऐलान से पहले शह और मात का खेल जारी है. महागठबंधन में अभी सीटों का बंटवारा होना बाकी है. उससे पहले सभी दल अपने घर को दुरुस्त करने में जुटे हैं. 

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