तो ये थी कटिहार में बंपर वोटिंग के पीछे की वजह, कैसे बिहार के जिले ने तोड़े रिकॉर्ड

इस बार के विधानसभा चुनाव में सीमांचल ने मतदान के प्रति गजब का उत्साह और जोश दिखाकर पूरे बिहार में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. विशेष रूप से कटिहार जिले ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए करीब 79.11 प्रतिशत मतदाताओं की भागीदारी दर्ज की है

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • विधानसभा चुनाव में सीमांचल ने अत्यधिक मतदान उत्साह दिखाकर बिहार में नया मतदान कीर्तिमान स्थापित किया है
  • कटिहार जिले ने लगभग 79.11 प्रतिशत मतदान दर्ज कर पूरे बिहार में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत हासिल किया है
  • प्रवासी मजदूरों ने महानगरों से वापस आकर मतदान में सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे सीमांचल का मतदान प्रतिशत बढ़ा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
कटिहार/सीमांचल:

इस बार के विधानसभा चुनाव में सीमांचल ने मतदान के प्रति गजब का उत्साह और जोश दिखाकर पूरे बिहार में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. विशेष रूप से कटिहार जिले ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए करीब 79.11 प्रतिशत मतदाताओं की भागीदारी दर्ज की है, जो पूरे बिहार में सबसे अधिक है. कटिहार का यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन आकस्मिक नहीं है, बल्कि इसके पीछे प्रवासी बिहारी मतदाताओं की दृढ़ इच्छाशक्ति और जागरूकता है.

लोकतंत्र के महापर्व में प्रवासी मजदूरों की आहुति

कटिहार के इस शानदार प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण उन लाखों प्रवासी मजदूरों का सैलाब है, जो महानगरों से अपना रोजगार छोड़कर मतदान के लिए घर लौटे. सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में मतदाताओं के बीच गजब का उत्साह देखा गया. कई मतदान केंद्रों पर तो रात 8:00 बजे के बाद भी लंबी कतारें लगी रहीं.

दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई जैसे महानगरों में मजदूरी कर रहे लाखों प्रवासी बिहारी मतदाता ट्रेनों और हवाई मार्ग के माध्यम से कटिहार पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यही वजह रही कि सीमांचल ने दूसरे चरण के मतदान में पूरे बिहार में कीर्तिमान स्थापित किया, और कटिहार वोटिंग प्रतिशत में नंबर वन बन गया.

"रोजगार ही जीवन यापन का माध्यम है"

मतदान के बाद, अब ये प्रवासी मजदूर एक बार फिर अपने गंतव्य स्थानों की ओर वापस लौटने लगे हैं. प्रवासी मजदूर भूमेश कुमार ने बताया कि उनके लिए लोकतंत्र के महापर्व में मतदान का बड़ा महत्व था, इसलिए वे आए. हालांकि, उन्होंने पलायन का दर्द भी बयां किया. उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार नहीं होने की वजह से वे महानगरों में जाते हैं. भूमेश की मानें तो, अगर बिहार में रोजगार की उचित व्यवस्था हो जाए, तो निश्चित तौर पर पलायन को रोका जा सकता है. लेकिन वर्तमान में, उनके लिए रोजगार ही जीवन यापन का एकमात्र माध्यम है.

जिलाधिकारी ने सराहा मतदाताओं का जोश

कटिहार के इस अभूतपूर्व मतदान प्रतिशत पर जिला पदाधिकारी (DM) मनेश कुमार मीणा ने खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा, "मतदाता जागरूकता और मतदाताओं के जागरूक होने के कारण कटिहार जिला पूरे बिहार में मतदान प्रतिशत में सबसे अव्वल रहा है. इसका पूरा श्रेय कटिहार के मतदाताओं को जाता है."

SIR का असर

कुल मिलाकर कहें तो, SIR का असर सीमांचल के प्रवासी मजदूरों पर साफ देखने को मिला. यही कारण है कि प्रवासी मजदूरों ने बढ़-चढ़कर इस महापर्व में शामिल होकर अपने बहुमूल्य वोट दिए और सीमांचल के साथ-साथ कटिहार को वोटिंग में अव्वल बना दिया.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Delhi Blast Case: I20 और Eco Sports के बाद अब तीसरी कार की एंट्री, Brezza की तलाश जारी | Breaking