सिर मुंड़ाते ही ओले... रजौली से विधायक प्रकाशवीर ने RJD छोड़ JDU जॉइन की, कोर्ट ने कहा- सरेंडर करो

स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक प्रकाशवीर की अपील खारिज करते हुए निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा है और 7 दिनों के अंदर सरेंडर करने का निर्देश दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • राजद छोड़कर जेडीयू में आए रजौली के विधायक प्रकाशवीर को अदालत ने पुराने मामले में राहत देने से इनकार कर दिया
  • 2005 के मामले में प्रकाशवीर को निचली अदालत ने छह महीने की सजा सुनाई थी, जिसे कोर्ट ने बरकरार रखा है
  • अदालत ने प्रकाशवीर को 7 दिनों में सरेंडर करने का आदेश दिया है. हालांकि इससे उनके चुनाव पर असर नहीं पड़ेगा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नवादा:

एक कहावत है- सिर मुंड़ाते ही ओले पड़ना. बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए रजौली के निवर्तमान विधायक प्रकाशवीर ने राजद से पाला बदलकर जेडीयू जॉइन की, लेकिन 48 घंटे भी नहीं बीते कि नई मुसीबत सिर पर आ पड़ी. जेडीयू से सिंबल मिलने से के पहले ही, अदालत ने एक पुराने मामले में उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए 7 दिन में सरेंडर करने का आदेश दिया है. 

2005 के मामले में सजा बरकरार

दरअसल, मामला 2005 का है. उस समय प्रकाशवीर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से रजौली विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव प्रचार के दौरान रजौली थाना प्रभारी शिवनंदन राम ने पाया कि एक इलेक्ट्रिक पोल और पीपल के पेड़ के बीच रामविलास पासवान की तस्वीर वाला पोस्टर बिना अनुमति लगाया गया था. इस पर रजौली थाने में एफआईआर संख्या 111/2005 के तहत बिहार लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम की धारा 3(1) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया.

छह माह की सजा और 1000 रुपये जुर्माना

इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद एमपी/एमएलए विशेष न्यायालय ने 29 जुलाई 2022 को प्रकाशवीर को दोषी ठहराते हुए छह महीने की सजा और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया. विधायक ने इस आदेश के खिलाफ क्रिमिनल अपील संख्या 16/22 दायर की, जिसे अब नवादा के विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) व जिला अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) सुभाष चंद्र शर्मा की अदालत ने खारिज कर दिया है.

फैसले का चुनाव लड़ने पर असर नहीं

स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक प्रकाशवीर की अपील खारिज करते हुए निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा है. प्रकाशवीर का बंधपत्र भी रद्द कर दिया है और 7 दिनों के अंदर सरेंडर करने का निर्देश दिया है. अदालत ने आदेश की कॉपी निचली न्यायालय को भेज दी है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. हालांकि जानकारों का कहना है कि इस अदालती फैसले से प्रकाशवीर के चुनाव लड़ने पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 

दो बार राजद से विधायक बने प्रकाशवीर

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रकाशवीर रजौली सीट से राजद के टिकट पर 12 हजार 593 मतों के अंतर से निर्वाचित हुए थे. प्रकाशवीर को 69 हजार 984 वोट मिले थे. उन्होंने बीजेपी के पूर्व विधायक कन्हैया कुमार को हराया था, जिन्हें 57 हजार 391 वोट मिले थे. प्रकाशवीर रजौली से दो बार राजद के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए हैं. 2020 से पहले 2015 में वह बीजेपी के अर्जुन राम को 4 हजार 615 मतों के अंतर से हराकर जीते थे. प्रकाशवीर बिहार के पूर्व राज्यमंत्री राजबल्लभ प्रसाद के प्रमुख सहयोगी रहे हैं.

नवादा की विधायक संग JDU में आए थे

बता दें कि रजौली के निवर्तमान राजद विधायक प्रकाशवीर ने सोमवार को नवादा की राजद विधायक विभा देवी के साथ पटना जदयू कार्यालय में जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी. इस मौके पर विधान पार्षद  संजय गांधी, मंत्री श्रवण कुमार और विधान पार्षद अशोक यादव मौजूद आदि थे. रविवार को विभा देवी और प्रकाशवीर ने विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को पत्र सौंपकर विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Taliban ने लूटे पाक के टैंक-हथियार! जंग रोकने पाक रोया| | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article