- बिहार चुनाव में हार के बाद प्रशांत किशोर ने जनता के बीच जाकर बिहार संकल्प यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है
- 15 जनवरी से शुरू होने वाली इस यात्रा में वे राज्य के 1 लाख 18 वार्डों की महिलाओं से मिलेंगे और फॉर्म भरवाएंगे
- प्रशांत किशोर ने जन सुराज से जुड़े लोगों से एक हजार रुपये का योगदान देने की अपील की है
बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रशांत किशोर टूटे नहीं हैं, उन्होंने फिर एक बार जनता के बीच जाने का फैसला किया है. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन अनशन के बाद बड़ी घोषणा की है. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि वे 15 जनवरी से बिहार संकल्प यात्रा की शुरुआत करेंगे. इस यात्रा के दौरान वे राज्य के 1 लाख 18 हज़ार वार्डों में उन महिलाओं से मुलाक़ात करेंगे, जिन्हें सरकार द्वारा 10 हजार रुपये की राशि मिली है. इसके साथ ही उन्हें बिहार सरकार की ओर से दिए जाने वाले 2 लाख रुपये के लाभ के लिए फॉर्म भरवाने का काम भी करेंगे. इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने अपनी 90% संपत्ति दान करने का ऐलान किया है.
PK के पास कितनी संपत्ति?
प्रशांत किशोर ने बीते साल नवंबर की शुरुआत में खुलासा किया था कि उन्होंने 3 साल में करीब 241 करोड़ रुपये कमाए हैं और उसमें से 99 करोड़ रुपये जन सुराज पार्टी को दान कर चुके हैं. उन्होंने अपनी आय पर 31 करोड़ रुपये का जीएसटी और 20 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स भी जमा किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी फिलहाल संपत्ति 55 से 60 करोड़ रुपये के करीब बताई जाती है.
PK का नीतीश कैबिनेट पर हमला
नीतीश कुमार कैबिनेट पर हमला बोलते हुए किशोर ने कहा, 'यह बिहार की जनता के मुंह पर तमाचा है, घाव पर नमक छिड़कने जैसा है. कुछ लोगों को सिर्फ इसलिए मंत्री बनाया गया, क्योंकि उनके पिता राजनीति में हैं. भ्रष्ट और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को भी शामिल किया गया.' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब बिहार की चिंता नहीं करते, क्योंकि चुनाव में वोट खरीद लिए गए और अब उन्हें जनता की परवाह नहीं है. किशोर ने कहा कि उनकी राजनीति महात्मा गांधी की धैर्य और दृढ़ता की विचारधारा पर आधारित है.
PK ने लोगों से मांगे 1-1 हजार रुपये
पीके ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति जन सुराज से जुड़ा है, तो वह संगठन को एक हजार रुपये का योगदान दे सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 20 वर्षों में अर्जित अपनी अचल संपत्ति (दिल्ली स्थित घर को छोड़कर) वे बिहार की इस योजना के लिए दान कर रहे हैं. पीके ने आगे कहा कि आज से भविष्य में मिलने वाली उनकी कुल आय का 90 प्रतिशत वे बिहार संकल्प यात्रा और इससे जुड़ी सामाजिक योजनाओं पर खर्च करेंगे.
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गांधी की कर्मभूमि पर PK का मौन
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भितिहरवा गांधी आश्रम में एक दिवसीय मौन अनशन पर बैठे थे. गांधी की ऐतिहासिक कर्मभूमि पर किया गया यह मौन अनशन चुनावी हार के बाद आत्ममंथन का संकेत माना जा रहा है. बिना भाषण और बयान के पीके गुरुवार को सुबह से पूर्ण मौन में थे, जबकि आश्रम परिसर के बाहर समर्थकों की भीड़ लगी थी और अंदर प्रवेश रोक दिया गया था. उनके इस शांत कदम को राजनीतिक गलियारों में आने वाले दिनों की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. इस बैठक में जन सुराज के सभी बड़े नेता मौजूद रहें.
मौन व्रत पर बैठने से एक दिन पहले एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ राहुल कंवल को दिये खास इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने माना था कि बिहार चुनाव में उनसे कुछ न कुछ तो गलती हुई, जिसका वो मंथन कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अब उनका पूरा फोकस बिहार की राजनीति पर होगा, वह किसी पार्टी के लिए कंसल्टेंसी नहीं करेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा, 'अब मैं किसी पार्टी के लिए कंसल्टेंसी नहीं करूंगा, सिर्फ बिहार पर फोकस होगा. अगर जरूरत पड़ेगी, तो हम जनता से पैसे मांगेंगे. लोगों से चंदा मांगेंगे. क्राउडफंडिंग करेंगे. अभी तक चल रहा है, वैसे ही आगे भी चलेगा. अगर पैसा नहीं होगा, तो कम पैसे में बिहार चुनाव लड़ेंगे. लेकिन बिहार की जनता को छोड़कर नहीं जाएंगे.' बता दें कि जन सुराज पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव में एक सीट भी नहीं मिली.














