- प्रशांत किशोर ने बिहार में बीजेपी और जेडीयू पर जन सुराज के उम्मीदवारों को दबाने का आरोप लगाया है
- जन सुराज के तीन उम्मीदवारों का नामांकन दबाव में वापस करवाया गया : प्रशांत किशोर
- पीके ने कहा कि जन सुराज का उद्देश्य सत्ता नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन है, जो परंपरागत दलों को असहज करता है
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच जन सुराज आंदोलन के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने एक बार फिर राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है. मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पीके ने कहा कि “इस बार बिहार में अलग खेल हो रहा है.” उन्होंने बीजेपी और जेडीयू पर जन सुराज के उम्मीदवारों को दबाने का आरोप लगाया और कहा कि सत्ता पक्ष को अब सबसे ज्यादा डर महागठबंधन से नहीं, बल्कि जन सुराज से है.
प्रशांत किशोर ने कहा, “जन सुराज के 3 घोषित उम्मीदवारों का जबरन नामांकन वापस करवाया गया. बीजेपी और जेडीयू खुलेआम हमारे प्रत्याशियों को घेर रही हैं. हम इस मामले को चुनाव आयोग में लेकर जाएंगे.”
उन्होंने कहा कि दानापुर से मुटूर शाह, ब्रह्मपुर से सत्य प्रकाश तिवारी, और गोपालगंज से शशि शेखर सिंह ये तीनों जन सुराज के प्रत्याशी थे, लेकिन इन्हें दबाव बनाकर चुनाव मैदान से हटाया गया. पीके ने कहा कि “बाहुबली और सत्ता में बैठे लोग जन सुराज के डर से परेशान हैं. जिन सीटों पर हमने उम्मीदवार उतारे हैं, वहां बीजेपी-जेडीयू के नेताओं में घबराहट है.”
जन सुराज व्यवस्था परिवर्तन के लिए आया है: PK
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज का उद्देश्य सत्ता नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन है और यही बात परंपरागत दलों को असहज कर रही है. पीके बोले, “भाजपा को डर महागठबंधन से नहीं लग रहा, उनको सबसे बड़ा डर जन सुराज से है. महागठबंधन का डर तो सिर्फ जनता को भ्रमित करने के लिए दिखाया जा रहा है.” प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज ने जो वादा किया था, वो निभाया है पार्टी ने बाहरी नेताओं को टिकट नहीं दिए. “हमारे 200 से ज्यादा उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. 90 प्रतिशत प्रत्याशी जनता से आए हैं और सिर्फ 5 प्रतिशत लोग अन्य दलों से जुड़े रहे हैं.”
इस बार बिहार की राजनीति बदल रही है: प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में राजनीति का केंद्र बदल रहा है. “जो लोग अब तक जाति और पैसे की राजनीति करते थे, वो जन सुराज के ईमानदार चेहरों से डर रहे हैं. इस बार जनता भी समझ रही है कि असली विकल्प क्या है.” पीके के आरोपों के बाद बिहार का राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है. बीजेपी और जेडीयू की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जन सुराज का दावा है कि “इस बार बिहार में खेल वही करेगा, जो जनता चाहेगी, न कि सत्ता और बाहुबली.”