बिहार की सियासी जमीन पर इन दिनों हलचल तेज है. आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 24 अप्रैल को मधुबनी में प्रस्तावित रैली को लेकर जदयू और बीजेपी की तरफ से पूरी ताकत झोंक दी गई है. इस रैली को न केवल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह बिहार में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रही अटकलों को भी हवा दे रही है. जनता दल (यूनाइटेड) (JDU), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसे एनडीए के घटक दलों के बीच भीड़ जुटाने की होड़ मची है, जबकि विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलकर सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है. इस बीच, पीएम मोदी की रैली में वर्चुअल रूप से अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने की घोषणा ने इस आयोजन को और महत्वपूर्ण बना दिया है.
रैली की तैयारी में एनडीए ने झोंकी ताकत
मधुबनी के झंझारपुर में 24 अप्रैल को होने वाली इस रैली को 'पंचायती राज दिवस' समारोह के रूप में आयोजित किया जा रहा है. केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह इस रैली की तैयारियों की खुद निगरानी कर रहे हैं. मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, और सीतामढ़ी जैसे आसपास के जिलों से हजारों कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. ललन सिंह ने विधायकों और टिकट के दावेदारों को सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक विधायक कम से कम 5,000 समर्थकों को लेकर आए. मुजफ्फरपुर में आयोजित एक बैठक में ललन सिंह ने कहा, "यह रैली ऐतिहासिक होगी. यह न केवल पंचायती राज के महत्व को रेखांकित करेगी, बल्कि एनडीए की एकता का भी प्रतीक होगी.
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष संजय झा और बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन भी इस रैली को सफल बनाने के लिए दिन-रात जुटे हैं. सुपौल और सहरसा में एनडीए कार्यकर्ताओं की बैठकें आयोजित की गईं, जहां रैली को "बिहार की सियासत में मील का पत्थर" बताया गया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी कहा कि यह रैली विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए की ताकत का प्रदर्शन होगी..
क्या पीएम मोदी करेंगे सीएम चेहरे का ऐलान?
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा सवाल यह है कि एनडीए का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा. जेडीयू ने पहले ही साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही गठबंधन के नेता हैं और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा. पटना में जेडीयू कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों में नारा गूंज रहा है: "25 से 30, फिर से नीतीश." केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी इस नारे को "सच्चाई" करार देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ही बिहार की सियासत का केंद्र बने रहेंगे.
हालांकि, बीजेपी के कुछ नेताओं के बयानों ने इस मुद्दे पर अटकलों को जन्म दिया है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने नीतीश कुमार को गठबंधन का चेहरा बताया, लेकिन बीजेपी के पास मजबूत स्थानीय चेहरों की कमी एक बार फिर चर्चा में है. कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी इस रैली में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं, जो बिहार की सियासत को नई दिशा दे सकता है. लेकिन जेडीयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार की स्वीकार्यता को देखते हुए ऐसा कोई बदलाव होने की संभावना कम है.
चिराग पासवान का बयान: बिहार की सियासत में नया ट्विस्ट
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में एक बयान देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी. उन्होंने कहा, "मैं केंद्र में नहीं रहना चाहता, बिहार मुझे बुला रहा है." इस बयान को कई तरह से देखा जा रहा है. कुछ का मानना है कि चिराग पासवान बिहार में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे मुख्यमंत्री की दौड़ में एक नई एंट्री के रूप में देख रहे हैं.
चिराग ने पहले ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में समर्थन देने की बात कही है, लेकिन उनके इस बयान ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या वह भविष्य में बिहार की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं. पासवान समुदाय के 5-6% वोटों का प्रभाव बिहार की कई सीटों पर पड़ता है, और चिराग इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
आरजेडी का नीतीश पर हमला
विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल ने इस रैली से पहले नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है. आरजेडी ने एक वीडियो जारी कर नीतीश को "74 साल का युवा" करार देते हुए उन पर बिहार को "ले डूबने" का आरोप लगाया. आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि गठबंधन का "फॉर्मूला" जनता को गुमराह करने का है. आरजेडी के इस हमले का जवाब देते हुए जेडीयू ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को "जंगल राज" से निकालकर विकास की राह पर लाया है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, "इंडिया गठबंधन चाहे जितना जोर लगा ले, नीतीश कुमार ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे.
अमृत भारत ट्रेन: विकास का नया प्रतीक
पीएम मोदी इस रैली में वर्चुअल रूप से बिहार की अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. यह ट्रेन बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो राज्य के रेल नेटवर्क को और मजबूत करेगी. मखाना उत्पादन और मिथिला पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध मधुबनी में इस आयोजन का चयन भी रणनीतिक माना जा रहा है. यह क्षेत्र मिथिलांचल का सांस्कृतिक केंद्र है, और एनडीए इस रैली के जरिए इस क्षेत्र के मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहा है.
मधुबनी की यह रैली बिहार की सियासत में कई सवालों के जवाब दे सकती है. क्या नीतीश कुमार ही एनडीए के निर्विवाद नेता बने रहेंगे? चिराग पासवान का बयान क्या नया सियासी समीकरण बनाएगा? और क्या विपक्ष इस रैली के जवाब में कोई बड़ा कदम उठाएगा? इन सवालों के जवाब 24 अप्रैल को मधुबनी के मैदान में मिल सकते हैं.