पुलिसकर्मी की हत्या पर बिहार विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, सवालों के घेरे में CM नीतीश

विपक्षी नेताओं का आरोप था कि कानून व्यवस्था सरकार के हाथ से फिसलती जा रही है और नीतीश कुमार,  जो कि सरकार के मुखिया हैं, वो अचेत अवस्था में है और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर अपराधियों ने कब्जा कर लिया है. हालांकि, सत्ता पक्ष बचाव करती दिखी. लेकिन लगातार हो रहे इन घटनाओं के कारण वो खुद भी बैकफुट पर दिख रहे थे.

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बिहार में पुलिस पर हो रहे लगातार हमले बिहार सरकार और नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं. पिछले 10 दिनों में सात हमले हुए हैं, जिनमें दो एएसआई रैंक ऑफिसर्स की मौत हो गई और कई पुलिसवाले घायल हो गए. इन हमलों की शुरुआत अररिया से हुई, जहां एक पुलिसवाले की जान चली गई. इसके बाद मुंगेर में भी एक एएसआई की मौत हो गई. इसके अलावा, भागलपुर, मुंगेर, मधुबनी और पटना के पास मनेर में भी पुलिसवालों पर हमला किया गया और उन्हें घायल कर दिया गया.

बिहार में पुलिस पर हो रहे हमलों ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है - क्या पुलिस का इकबाल घट रहा है और अपराधियों का मनोबल बढ़ रहा है? हाल ही में मुंगेर जिले के फसियाबाद गांव में पुलिस पर हमला हुआ, जिसमें एक पुलिसकर्मी बबलू रजक के सिर पर ईंट से हमला किया गया और कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए. यह घटना पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच तनाव को बढ़ावा दे रही है. पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा में भी हंगामा हुआ और विपक्ष ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर सरकार को घेरा. विपक्षी नेता शोर करते हुए सदन के वेल में आ गए और नीतीश कुमार, जो कि प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं, उनके इस्तीफा की मांग करने लगे.

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विपक्षी नेताओं का आरोप था कि कानून व्यवस्था सरकार के हाथ से फिसलती जा रही है और नीतीश कुमार,  जो कि सरकार के मुखिया हैं, वो अचेत अवस्था में है और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर अपराधियों ने कब्जा कर लिया है. हालांकि, सत्ता पक्ष बचाव करती दिखी. लेकिन लगातार हो रहे इन घटनाओं के कारण वो खुद भी बैकफुट पर दिख रहे थे.

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अररिया और मुंगेर में मारे गए दो वरीय पुलिसकर्मियों का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि सोमवार को एक बार फिर बिहार में दो जगहों पर पुलिस पर हमला हुआ. पहली वारदात एक बार फिर से मुंगेर में हुई, जहां पुलिस बल पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया,  जब वो हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के फसिहाबाद गांव मे छिनतई की घटना को अंजाम देने वाले दो युवकों को पकड़ने गए थे. सूचना डायल 112 को दी गई थी. जब पुलिस की टीम वहां पहुंची तो ग्रामीणों ने न केवल उनका विरोध किया,  बल्कि पत्थरों से पुलिस पर हमला कर दिया. एक पुलिसकर्मी का सर फट गया और कई चोटिल हो गए. इस मामले में 24 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. 

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दूसरा हमला किशनगंज के ठाकुरगंज में एसएसबी के जवानों पर किया गया, जब वो दो तस्करों का पीछा कर रहे थे. तस्करों के उकसाने पर ग्रामीणों ने एसएसबी के जवानों पे लाठी और डंडे से हमला किया और मौका पाकर दोनों आरोपी फरार हो गए. एसएसबी के जवानों का किशनगंज के सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. ऐसे में अब सवाल है कि कैसे और किन परिस्थितियों में बिहार में हमलावरों के बीच वर्दी का खौफ उनके मन से खत्म हो गया है.

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