- NDTV के मंच से अमित शाह ने दावा किया कि बिहार में एनडीए को 160 सीटें मिलेंगी, बची-खुची सीटें अन्य में बंटेंगी.
- प्रशांत किशोर से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा कि पीके अच्छा काम कर रहे हैं, अच्छा प्रचार कर रहे हैं.
- अमित शाह ने स्पष्ट किया कि एनडीए अगर बिहार का चुनाव जीतती है तो नीतीश कुमार ही फिर से सीएम बनेंगे.
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में कई दिन बाकी हैं. एनडीए हो या महागठबंधन या फिर जन सुराज, हर कोई जीत के लिए जोर लगा रहा है. चुनावी गहमागहमी के बीच बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने पटना में आयोजित NDTV पावरप्ले कार्यक्रम में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि बिहार चुनाव में एनडीए 160 सीटों के आसपास जीत दर्ज करेगा, बाकी सीटें अन्य दलों के बीच बंटेंगी.
बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल से बातचीत में माना कि बिहार में दूसरे चरण में प्रचार की गति अभी अपेक्षाकृत धीमी है और सीट दर सीट आकलन करना कठिन है. फिर भी उन्होंने भरोसा जताया कि एनडीए 160 सीटों के करीब जीतकर सत्ता में वापसी करेगा.
जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर के राजनीतिक अभियान से जुड़े सवाल पर अमित शाह ने कहा कि हर व्यक्ति को पार्टी बनाने का अधिकार है. पीके अच्छा काम कर रहे हैं, अच्छा प्रचार कर रहे हैं. देश में 1550 पार्टियां थीं, अब 1551 हो गई हैं.
अमित शाह ने ये भी स्पष्ट किया कि एनडीए अगर बिहार का चुनाव जीतती है तो नीतीश कुमार ही फिर से सीएम बनेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश के नेतृत्व में ही हम चुनाव लड़ रहे हैं, इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है. उनका कहना था कि जहां तक सीएम तय करने की बात है तो ये एक संवैधानिक प्रक्रिया है. इसके तहत सारे विधायक मिलकर इसका फैसला करते हैं. लेकिन मैं फिर से एकबार स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नीतीश कुमार बिहार के सीएम हैं और हम उनके नेतृत्व में ये चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी नेता शाह ने चुनावों को लेकर बीजेपी की स्ट्रैटिजी को स्पष्ट करते हुए कहा कि हर चुनाव का अपना अलग डाइनेमिक्स होता है, कोई भी चुनाव सरल नहीं होता है. जनता के सामने 5 साल की सरकार का हिसाब किताब रखना होता है और भविष्य की प्लानिंग भी रखनी होती है.
उन्होंने कहा कि हमारे लिए चुनाव सिर्फ विधायक या सांसद जिताने का माध्यम नहीं होता है, बल्कि यह हमारी नीतियों को जनता तक पहुंचाने का जरिया होता है. हमारा मानना है कि चुनाव लोक संग्रह और लोक संपर्क का भी कारण होता है.














