- महागठबंधन में आरजेडी को 135, कांग्रेस को 61, वीआईपी को 16 और वामपंथी दलों को 31 सीटें मिली हैं
- कुछ सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस के बीच अधिकार को लेकर विवाद बना हुआ है, सहमति अभी तक नहीं बनी है
- मुकेश सहनी को कुल सोलह सीटें दी गई हैं, जिनमें आधे से अधिक पर कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार लड़ेंगे
तेजस्वी यादव के दिल्ली से आते ही महागठबंधन के सीटों का आंकडा भी सामने आ गया.यह तय हुआ है कि आरजेडी 135 सीट पर लड़ेगी,कांग्रेस 61 सीट,मुकेश सहनी की वीआईपी 16 सीट,वामपंथी दल जिसमें माले,सीपीआई और सीपीएम है को 31 सीटें दी गई है.यहां सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अभी भी कुछ सीटों पर कौन लड़ेगा इस पर सहमति नहीं बन पा रही है.
जैसे आरजेडी की कब्जे वाली कुछ सीट पर कांग्रेस दावा कर रही है तो कांग्रेस के कब्जे वाली कुछ सीटों पर आरजेडी और वही हाल माले और अन्य वामदलों का भी है.दिल्ली में जो बैठक तेजस्वी यादव की हुई उसमें खरगे और राहुल शामिल नहीं हुए,फोन पर शायद जरूर राहुल की बात तेजस्वी से हुई हो.हां तेजस्वी की मुलाकात कांग्रेस नेता वेणुगोपाल से जरूर हुई है.
मुकेश सहनी क्या मान जाएंगे ऑफर?
दूसरी सबसे बड़ी खबर ये है कि मुकेश सहनी को महागठबंधन में 16 सीटें ही ऑफर की गई है उसमें भी कम से कम आठ सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी के नेता लड़ेंगे यानि चुनाव चिह्न मुकेश सहनी का होगा और उम्मीदवार कांग्रेस या आरजेडी का.यह भी तय हुआ कि जेएमएम और आईआईपी को आरजेडी और कांग्रेस अपने कोटे से सीट दी जाएगी.पशुपति पारस को गठबंधन में जगह नहीं मिली है और वो एक अलग मोर्चा बना कर लड़ेंगे.
उपमुख्यमंत्री के नाम पर नहीं बनी सहमति
एक और महत्वपूर्ण निर्णय ये लिया गया है कि उपमुख्यमंत्री का नाम चुनाव के बाद तय होगा.मुकेश सहनी के उपमुख्यमंत्री के दावे पर यह तर्क दिया गया कि यदि मल्लाह जाति से उपमुख्यमंत्री की घोषणा अभी कर दिया गया तो बाकी अति पिछड़ी जातियां नाराज हो जाएगीं.इस लिए उपमुख्यमंत्री के मसले को छोड़ दिया गया.इस मसले पर सबसे अधिक कांग्रेस को एतराज था कि गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी वो हैं तो कायदे से उपमुख्यमंत्री का पद उनको जाना चाहिए.
तेजस्वी ही होंगे महागठबंधन के चेहरे
यह भी तय हुआ कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का चेहरा होंगे और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा और एक दो दिनों में इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी.फिलहाल महागठबंधन में कौन सी सीट कौन लड़ेगा यह तय होना है और इसी की वजह से गठबंधन में घोषणा पर देरी हो रही है..मगर ये मसला भी बहुत जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.उधर आरजेडी और माले ने अपने कुछ उम्मीदवारों को सिंबल भी बांट दिया है मगर देर रात यह खबर भी आई कि जिन लोगों को सिंबल दिया गया है उन्हें पटना वापिस बुलाया गया है.
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