बिहार के दरभंगा में नदी में डूबीं 5 लड़कियां, बचाने की कोशिश में किशोर भी मौत के मुंह में समाया

ग्राम पंचायत के मुखिया रंजीत झा उर्फ गुड्डू झा ने कहा कि यह घटना बेहद दर्दनाक है. अगर अनुमंडल स्तर पर एनडीआरएफ की टीम तैनात होती तो चार मासूमों की जान बचाई जा सकती थी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दरभंगा जिले के कसरौर बसौली गांव के बेलाही घाट पर पांच नाबालिग लड़कियां तेज नदी की धारा में बह गईं.
  • डूबती बच्चियों को बचाने के लिए 15 वर्षीय रोहित ताती नदी में कूद गया, लेकिन वह भी डूब गया.
  • चार बच्चियों और एक किशोर के शव बरामद किए गए, जबकि एक आठ वर्षीय बच्ची को ग्रामीणों ने बचा लिया.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

दरभंगा जिले के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र स्थित कसरौर बसौली गांव के बेलाही घाट पर शनिवार को बड़ा हादसा हो गया. यहां पर नहाने करने गईं पांच नाबालिग लड़कियां कमला नदी की तेज धार में बह गईं. डूबती बच्चियों को बचाने के लिए गांव का 15 साल का किशोर रोहित ताती नदी में कूद पड़ा, लेकिन वह भी गहरे पानी में समा गया. घटना दोपहर लगभग 12 बजे की है. देखते ही देखते गांव में कोहराम मच गया. मौके पर जुटे सैकड़ों ग्रामीणों की मदद से घंटों बाद शवों को बाहर निकाला गया. 

कौन थे मारे गए लोग 

पुलिस व ग्रामीणों ने जिन चार बच्चियों और एक किशोर का शव बरामद किया उनकी पहचान इस प्रकार हुई है –

रोहित कुमार उर्फ रोहित ताती (15 वर्ष)
पिता : जयशंकर ताती, ग्राम बसौली. 
तीन भाइयों में मंझला था. 
मां की मृत्यु तीन साल पहले हो चुकी है.
सातवीं कक्षा का छात्र. 

अंशु कुमारी (16 वर्ष)
पिता : प्रमोद मुखिया.
तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी संतान थी. 

लक्ष्मी कुमारी (15 वर्ष)
पिता : नारायण मुखिया. 
पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थी। सातवीं कक्षा की छात्रा. 

शीतल कुमारी (14 वर्ष)
पिता : स्व. निर्मल साहू।
परिवार की इकलौती बेटी. 
शीतल के जन्म से पहले ही पिता की मृत्यु हो चुकी थी. 

बच गई एक बच्‍ची की जान 

हादसे में सरस्वती कुमारी (8 वर्ष), पिता नारायण मुखिया को ग्रामीण युवकों ने किसी तरह बचा लिया. वह फिलहाल सुरक्षित है. गांव के युवक राहुल और प्रवीण मोबाइल पर गेम खेल रहे थे. उसी दौरान उन्होंने देखा कि नदी में कुछ बच्चे डूब रहे हैं. वे तुरंत घाट की ओर दौड़े. इसी बीच रोहित ताती ने हिम्मत दिखाकर नदी में छलांग लगाई और डूबती बच्चियों को बचाने का प्रयास किया। लेकिन तेज धारा में खुद फंस गया और बाहर नहीं निकल सका.  राहुल और प्रवीण ने साहस दिखाते हुए सरस्वती कुमारी को बचाने में सफलता पाई. लेकिन अन्य चार बच्चियों के साथ रोहित की भी मौत हो गई. सुरक्षित बची सरस्वती कुमारी (8 वर्ष) ने बताया, 'हम लोग नहा रहे थे तभी अचानक सभी लोग डूबने लगे. आगे कुछ बताने से उसने इंकार कर दिया.'

पूरे गांव में फैला मातम 

घटना की सूचना पर थानाध्यक्ष अजीत कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि  सभी शवों को बरामद कर पंचनामा तैयार किया गया और पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच दरभंगा भेज दिया गया है. वहीं गौड़ा बोराम अंचल के राजस्व कर्मचारी प्रभात कुमार यशवाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.  हादसे से पूरा बसौली गांव गमगीन है. हर घर में मातम पसरा है. मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

Advertisement

यह एक दर्दनाक घटना 

ग्राम पंचायत के मुखिया रंजीत झा उर्फ गुड्डू झा ने कहा कि यह घटना बेहद दर्दनाक है. अगर अनुमंडल स्तर पर एनडीआरएफ की टीम तैनात होती तो चार मासूमों की जान बचाई जा सकती थी. प्रशासन को चाहिए कि हर अनुमंडल में एनडीआरएफ की स्थायी तैनाती की जाए ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत बचाव कार्य हो सके. यह घटना न सिर्फ गांव बल्कि पूरे इलाके को झकझोर देने वाली है. मासूमों की मौत के साथ ही एक बहादुर किशोर ने भी अपनी जान गंवा दी, जिसकी हिम्मत हमेशा याद रखी जाएगी. 

(दरभंगा से प्रमोद कुमार गुप्‍ता की रिपोर्ट)  

Featured Video Of The Day
Premanand Maharaj, Aniruddhacharya और कथावाचकों संग Constitution पर क्या कुछ बोले Rambhadracharya?
Topics mentioned in this article