- आरजेडी ने स्पष्ट किया है कि राबड़ी देवी पटना के 10 सर्कुलर रोड बंगला किसी भी हालत में खाली नहीं करेंगे
- नीतीश कुमार सरकार ने राबड़ी देवी के लिए प्रतिपक्ष कोटे से 39 हार्डिंग रोड का आवास आवंटित किया है
- आरजेडी ने आरोप लगाया है कि सीएम नीतीश कुमार बीजेपी का विश्वास पाने के लिए राबड़ी और लालू को अपमानित कर रहे हैं
सीएम ने जो किया है नरेंद्र मोदी या बीजेपी का विश्वास हासिल करने के लिए क्योंकि बीजेपी ने गृह विभाग ले लिया, सीएम को लगता है कि कहीं से चूक हुई तो मोदी का विश्वास कैसे जीतेंगे इसलिए लालू और रबड़ी के परिवार को अपमानित करें, ये द्वेष वश है जो कुछ भी करना है किया जाएगा लेकिन डेरा नहीं खाली किया जाएगा, जो करना होगा करेंगे. आरजेडी ने आज साफ-साफ कर दिया है कि राज्य की पूर्व सीएम राबड़ी देवी पटना के 10 सर्कुलर रोड वाला बंगला किसी कीमत पर खाली नहीं करेंगे. आजरेडी के बिहार चीफ मगनीलाल मंडल ने कहा कि इसके लिए चाहे जो भी करना होगा हम करेंगे. गौरतलब है कि नीतीश कुमार सरकार ने प्रतिपक्ष कोटे से राबड़ी देवी के लिए 39 हार्डिंग रोड का आवास आवंटित किया है.
मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 20 साल से सीएम हैं. वह 2005 से सीएम हैं लेकिन अभी तक उन्होंने ये बंगला खाली क्यों नहीं करवाया. इस बंगले में दो-दो पूर्व सीएम लालू यादव और राबड़ी देवी रहते हैं. तो जो हार्डिंग रोड वाला बंगला आवंटित किया गया है उसकी जगह इसी बंगले को आवंटित कर दिया जाता. उन्होंने आरोप लगाया कि इसका मतलब है कि राज्य के सीएम लालू और राबड़ी को उस आवास से हटाने की कोशिश कर रहे हैं. ये अपमान है. दोनों नेताओं को अपमानित किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जान बूझकर राजनीतिक विद्वेष के कारण ऐसा किया जा रहा है.
मंडल ने आरोप लगाया कि सीएम नीतीश ने ऐसा इसलिए किया है ताकि बीजेपी का विश्वास हासिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने गृह विभाग ले लिया है. सीएम को लगता है कि कहीं चूक न हो जाए. इसलिए लालू और राबड़ी परिवार को अपमानित किया जा रहा है. ये द्वेष वश है. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी करना है किया जाएगा लेकिन आवास खाली नहीं किया जाएगा.
राबड़ी देवी का बंगला खाली कराए जाने कारण तेजस्वी यादव की एक जिद भी है. इसकी शुरुआत 2017 की एक कानूनी लड़ाई से होती है. 2017 में NDA सरकार बनने पर तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम पद से हटना पड़ा था. इसके साथ ही उन्हें आवंटित सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग खाली करने का नोटिस मिला. तेजस्वी इस बंगले में काफी खर्च कर चुके थे और विपक्ष के नेता रहते इसी घर में रहना चाहते थे. उन्होंने फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने तेजस्वी की याचिका न सिर्फ खारिज की, बल्कि उससे भी बड़ा फैसला दिया.अदालत ने अपने फैसले में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला, सुरक्षा स्टाफ और अन्य सुविधाएं देने की व्यवस्था खत्म कर दी. यही फैसला अब 2025 में प्रभावी हुआ है.














