गोपालगंज में BJP की बड़ी जीत: सुभाष सिंह ने फिर किया कमाल, कांग्रेस को 28,000 से ज्यादा वोटों से शिकस्त

लालू यादव के गृह जिले में बीजेपी ने गोपालगंज सीट पर लगातार चार बार जीत दर्ज कर मजबूत पकड़ बनाई है. 2020 में सुभाष सिंह ने बीएसपी के साधु यादव को 36,000 से ज्यादा वोटों से हराया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • गोपालगंज विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण है और यह गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है
  • 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुभाष सिंह ने चौथी बार जीत हासिल की
  • गोपालगंज जिला आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का गृह जिला है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

गोपालगंज विधानसभा सीट का परिणाम सामने आ गया है. मतगणना पूरी होने के बाद बीजेपी उम्मीदवार सुभाष सिंह ने एक बार फिर जबरदस्त जीत हासिल की है. उन्हें कुल 96,892 वोट मिले, जबकि उनके नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी ओम प्रकाश गर्ग को उनसे 28,972 वोट कम मिले.

गोपालगंज विधानसभा सीट उत्तर बिहार के उन इलाकों में से है जहां राजनीति, इतिहास और जातीय समीकरण हमेशा साथ-साथ चलते हैं. यह सीट गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और यूपी-बिहार सीमा से सटे इस इलाके में चुनावी मुकाबले हमेशा दिलचस्प रहे हैं. 1952 में जब पहले विधानसभा चुनाव हुए, तब यहां कांग्रेस के कमल राय विजयी हुए थे. लेकिन समय के साथ इस सीट का राजनीतिक रंग पूरी तरह बदला और अब यह बीजेपी के मजबूत गढ़ के रूप में पहचानी जाती है.

2020 के चुनाव में भी सुभाष सिंह ने यहां एकतरफा जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीएसपी उम्मीदवार अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव को 36,752 वोटों के अंतर से हराया था. सुभाष सिंह को उस चुनाव में 77,791 वोट मिले थे, जबकि साधु यादव को 41,039 वोट हासिल हुए थे. लगातार चार बार की जीत के बाद अब उनकी यह ताज़ा जीत उनके जनाधार और संगठनात्मक पकड़ की गवाही देती है.

गोपालगंज की राजनीतिक जमीन इसलिए भी खास है क्योंकि यह आरजेडी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का गृह जिला माना जाता है. ऐसे में यहां बीजेपी की लगातार सफलता बड़ा राजनीतिक संकेत देती है. गंडक नदी के पश्चिमी तट पर बसे इस जिले की पहचान सिर्फ राजनीति से नहीं बल्कि संस्कृति और धार्मिक स्थलों से भी जुड़ी है — थावे दुर्गा मंदिर, रामबृक्ष धाम और सिंहासनी मंदिर यहां की पहचान हैं.

इस बार भी मतदाताओं ने बीजेपी पर भरोसा जताया है. हालांकि कांग्रेस ने मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश की, लेकिन अंतर इतना बड़ा रहा कि पूरे जिले में यह जीत चर्चा का विषय बन गई. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि संगठन की मजबूत पकड़, स्थानीय समीकरणों की समझ और सुभाष सिंह की लोकप्रियता ने बीजेपी को यह बड़ी जीत दिलाई है.

Featured Video Of The Day
Dharmendra Passes Away: पंचतत्व में विलीन हुए धर्मेंद्र, विले पार्ले श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार
Topics mentioned in this article