बिहार के दरभंगा में कोसी नदी और सीतामढ़ी में बागमती नदी सहित चार जिलों में सात स्थानों पर नदियों के तटबंध टूटने से कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई. गंडक कोसी, बागमती, महानंदा और अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण 16 जिलों पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 55 प्रखण्डों में 269 ग्राम पंचायतों की करीब 9.90 लाख आबादी प्रभावित हुई है.
बिहार के CM नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया. सीएम नीतीश के साथ आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी मौजूद रहें. CM नीतीश ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य को युद्धस्तर पर चलाए जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है.
वाल्मीकिनगर बैराज से रविवार को 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जबकि सोमवार को सुबह आठ बजे तक पानी छोड़े जाने की मात्रा 1.89 लाख क्यूसेक थी. वहीं, 29 सितंबर को वीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. लेकिन सोमवार की सुबह आठ बजे तक 2.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा और अन्य नदियों के जलस्तर में कमी आ रही है. अगले कुछ दिनों तक जलस्तर पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.
बिहार के 16 जिलों के 31 प्रखंड के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. घरों में पानी भरने से लोगों के सामने रहने और खाने का संकट खड़ा हो गया है. रास्ते बाढ़ की चपेट में आने से सभी गांवों और टोले का संपर्क कट गया है.
बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की कुल 12 टीम और एसडीआरएफ की कुल 12 टीमों को तैनात किया गया है. इसके अतिरिक्त वाराणसी से एनडीआरएफ की तीन टीमों को भी बुलाया गया है.